नई दिल्ली : वर्ष 1999 में अपहृत किए गए इंडियन एयरलाईंस के विमान आईसी - 814 का अपहरण कर लिए जाने को लेकर एक नया खुलासा किया गया है। इस दौरान कहा गया है कि आॅपरेशन की कमान संभालने के लिए तत्कालीन राॅ प्रमुख एएस दुलत द्वारा पूर्व राॅ चीफ द्वारा कई महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैं। इस दौरान उन्होंने कहा है कि आतंकियों का सामना करने में बड़े पैमाने पर गड़बडि़यां की गई थीं। यही नहीं 24 दिसंबर 1999 को अमृतसर में विमान के उतरने पर केंद्र सरकार और पंजाब सरकार ने त्वरित निर्णय नहीं लिया। जिसके चलते 5 घंटों तक सीएमजी की बैठक ही चलानी पड़ी।
प्लेन अमृतसर से टैक आॅफ हो गया और इसके बाद भी कोई निर्णय नहीं लिया जा सका। हाल ही में दुलत ने अपनी एक पुस्तक कश्मीर - द वाजपेयी ईयर्स का विमोचन होने से पहले कहा कि पंजाब पुलिस के आॅपरेशन हैड सरबजीत सिंह को तत्कालीन केंद्र सरकार ने उन्हें विमान को न उड़ने देने के निर्देश ही नहीं दिए। इस दौरान कहा गया है कि आईसी 814 विमान को उड़ान नहीं भरने देना है।
हाल ही में उन्होंने 1989 की घटना का उल्लेख करते हुए कहा है कि मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबैया को आतंकियों द्वारा विमान सहित हाईजैक कर लिया गया। इसके बदलें में सरकार को पांच आतंकी छोड़ने पड़े थे। इस दौरान रूबैया की रिहाई के लिए आतंकियों को छोड़ने को लेकर जम्मू - कश्मीर के तत्कालीन मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला से भेंट कर मुख्यमंत्री द्वारा भी इस तरह के कदम उठाने की मनाही की गई थी। फारूक नहीं चाहते थे कि कोई आतंकी आज़ाद हो। मामले में उन्होंने विदेश मंत्री जसवंत सिंह को खरी - खोटी भी सुनाई।