पटना : जवाहरलाल नेहरू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार लगता है अपना पाला बदलने की तैयारी में हैं। अब तक दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश बाबू की माला जपने वाले कन्हैया अब मोदी - मोदी की तान छेड़ रहे हैं। जी हां, उन्होंने कहा कि वे किसी से नज़दीकी बनाने में नहीं बल्कि लड़ने में ही यकीन करते हैं। उनका कहना था कि न तो वे नीतीश कुमार के करीबी हैं और न ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वे दूर जा रहे हैं।
दरअसल वे पटना के आर्टस काॅलेज में बीपीएससी की परीक्षा को आगे बढ़वाने के मसले पर विद्यार्थियों का समर्थन करने पहुंचे थे। दरअसल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कन्हैया कुमार को मिलने हेतु समय नहीं दिया। जिसके बाद कन्हैया उनके विरूद्ध भड़ास निकालने में लगे हैं। उनका कहना था कि नीतीश से वे हर वक्त नहीं मिलते हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि नीतीश उनके पड़ोसी नहीं हैं कि वे चाहे जब चीनी मांगने पहुंचे।
दरअसल पिछली बार जेल से निकलने के बाद वे लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार से मिलने के लिए बिहार पहुंच गए थे। कन्हैया द्वारा राज्य में शिक्षा की बदहाली हेतु मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लपेट लिया। उनका कहना था कि बिहार में शिक्षा का माहौल यदि ठीक नहीं होता है तो नीतीश कुमार को माॅडल नहीं माना जा सकता है। उन्होंने राज्य में शिक्षा के गुणवत्तापूर्ण विकास की बात कही। इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य में बिहार टाॅपर घोटाला जैसी बातें नहीं होना चाहिए। इस तरह के घोटाले शर्मनाक हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री की डिग्री को लेकर भी सवाल किए।