दसौत के दो ऐसे महान कलाकार रजनी और कमल को आज के समय में ऐसा कोई भी नहीं है जो जानता न हो. वहीं रजनी और कमल ने सिनेमा के इतिहास में सबसे लंबे समय तक चलने वाली प्रतिद्वंद्वियों में से एक का आनंद लिया है, लेकिन साथ ही साथ वे आधी सदी के करीब के बहुत करीबी दोस्त बने हुए हैं. फिल्म अभिनय में अपने वर्ग और जन शैलियों के अलावा, कमल की मक्कल नीती मैम के साथ उनकी अलग-अलग राजनीतिक विचारधाराएं भी हैं, जो केंद्रवाद को बढ़ावा देती हैं, जबकि रजनी ने आध्यात्मिक मार्ग अपनाया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पच्चीस व्यक्तियों के जीवन का दावा करने वाली नई दिल्ली में नागरिक संशोधन अधिनियम के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन में दंगों को रोकने में सक्षम नहीं होने के कारण रजनी ने बुधवार को पहली बार केंद्र सरकार को खुफिया जानकारी में ढिलाई दी. वहीं उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह धार्मिक घृणा की राजनीति को बर्दाश्त नहीं करेंगे और यदि सीएए भारतीय मुसलमानों को किसी भी तरह से प्रभावित करता है तो वह आवाज उठाने वाले पहले व्यक्ति होंगे. राजनीतिक विश्लेषकों ने रजनी के बयानों को एक स्पष्ट संकेत के रूप में देखा है कि बहुत अधिक पसंद किया जाने वाला मास हीरो भाजपा की कठपुतली नहीं है क्योंकि उसे तमिलनाडु में अन्य राजनीतिक दलों द्वारा पेश किया जाता है.
சபாஷ் நண்பர் @rajinikanth அவர்களே, அப்படி வாங்க.
Kamal Haasan February 26, 2020
இந்த வழி நல்ல வழி.
தனி வழி அல்ல, ஒரு இனமே நடக்கும் ராஜ பாட்டை.
வருக, வாழ்த்துக்கள்.
आपकी जानकारी के लिए हम बता दें कि कमल हासन ने रजनी के बयान का स्वागत किया है और तमिल में लिखा है "ब्रावो मेरे दोस्त रजनीकांत, यह जाने का रास्ता है और यह एक व्यक्तिगत मार्ग नहीं है.
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