मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने बीते बुधवार को सदन में कहा कि, 'ऐसा कौन सा खौफ था कि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपने अभिभाषण में 10 बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नाम लिया, लेकिन केन्द्र सरकार के तीन नये कृषि कानूनों, दिल्ली में चल रहे किसानों के आंदोलन एवं बेरोजगारी के बारे में एक शब्द भी नहीं कहा।' जी दरअसल बीते बुधवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा हुई। इसी बीच कमलनाथ ने कहा कि 'किसी भी राज्य में राज्यपाल का अभिभाषण राज्य सरकार की दिशा और दृष्टि को प्रस्तुत करता है।' इसी के साथ उन्होंने कहा, 'यह परंपरा हर राज्य में है और संसद में भी है।'
आगे कमलनाथ ने कहा कि, 'यह जो राज्यपाल का अभिभाषण था, वह दिशाहीन एवं दृष्टिहीन है। मुझे राज्यपाल पर दया आती है कि उन्हें ऐसा भाषण पढ़ना पढ़ा।' वह यही नहीं रुके बल्कि आगे उन्होंने यह भी कहा, ‘‘अभिभाषण की शुरुआत में मोदी और अंत में भी मोदी, कुल 10 बार नाम लिया मोदी जी का। मैं सोच रहा हूं कि क्या मैं लोकसभा में बैठा हूं या विधानसभा में बैठा हूं।'' इसी बीच आश्चर्य प्रकट करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘इतनी दफे। कौन सा खौफ था? राज्य सरकार तो हमारे मुख्यमंत्रीजी चलाते हैं। पर कौन सा खौफ था? कौन सी छाया में यह भाषण था? मुझे ताजुब्ब हुआ क्योंकि राज्यपाल का भाषण एक गंभीर भाषण होता है। इसमें मैं समझता हूं कि इसमें यह आवश्यकता नहीं है कि विधानसभा में मोदी का प्रचार किया जाये। उनको (मोदी) क्या आवश्यकता है? उनका यहां प्रचार करके आप उन्हें क्या संदेश दे रहे हैं?''
इसी के साथ उन्होंने यह भी पूछा कि, 'राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में क्या किसानों के आंदोलन एवं किसानों के लिए बनाये गये केन्द्र सरकार के तीन नये कानूनों के बारे में कुछ कहा?' आगे कमलनाथ ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, ‘‘कह देते कि हम सहमत हैं अथवा वही कह देते जो मजबूरी में आपको कहना पड़ता है।' आगे कमलनाथ ने कहा, 'मैं कोई गलत संदेश नहीं दे रहा हूं। जो कानून है, मैं केवल उसे बड़ी सरल भाषा में समझा रहा हूं। राज्यपाल का भाषण केवल गुमराह का और मीडिया का भाषण था और मैं इस प्रस्ताव का विरोध करता हूं।'