भोपाल :हाल ही में मध्यप्रदेश में कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद ही एक्शन लेना शुरू कर दिया है. इसी के तहत नई कांग्रेस सरकार ने राज्य के लगभग 35 हजार शासकीय स्कूलों को एक साथ मर्ज करने का फैसला किया है. सरकार द्वारा हाल ही में ये सुनिश्चित किया गया है कि सारे स्कूल एक ही शिफ्ट में एक ही विद्यालय परिसर में ही चलेंगे एवं उसकी जिम्मेदारी केवल वरिष्ठ प्राचार्यों के पास ही होगी.
सरकार द्वारा ये प्रक्रिया 'एक विद्यालय एक परिसर' निति के तहत की जा रही है. माना जा रहा है कि यदि ऐसा हो गया तो मध्यप्रदेश में लगभग 20000 विद्यालय बंद हो सकते है.इसके साथ ही सरकार ने ये भी फैसला लिया है की अब हाईस्कूल में पढ़ाने वाले सभी शिक्षक प्राइमरी स्कूल के बच्चो को भी पढ़ाएंगे. खबरों के मुताबिक इसके पीछे ये दलील दी गई है कि इससे विद्यालयों की की शिक्षा पद्धति में सुधार आएगा.जिसके अंतर्गत प्रदेश के लगभग 35 हजार हजार विद्यालयों को सरकार मर्ज करने जा रही है.
इसका असर अब सीधे 9340 प्रधानाध्यापकों पर पड़ेगा हम आपको बता दे कि भोपाल के लगभग 700 से अधिक विद्यालय ऐसे है, जिन्हें मर्ज करने की तैयारी की जा रही है. ऐसा भी माना जा रहा है कि कमलनाथ सरकार के इस फैसले के बाद इसका असर अब बच्चों पर भी पड़ सकता है.एक ही शिफ्ट में विद्यालय लगाए जाने के कारण बच्चों को बैठने में परेशानी हो सकती है.
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