शिमला : आगामी 12 जून से शुरू होने वाली कैलाश मानसरोवर यात्रा में यात्री धारचूला से लगभग 60 किलोमीटर आगे नजंग से पैदल चलकर मालपा, बुद्धि होते हुए गर्ब्यांग, नाभीढांग और फिर चीन सीमा लिपुलेख तक जाएंगे। इस मार्ग में बुद्धि से नाभीढांग तक 36 किलोमीटर सड़क वाहनों के लिए बच चुकी है, लेकिन नजंग से बुद्धि तक 16 किलोमीटर मार्ग लंबे समय से निर्माणाधीन होने के बावजूद पूरा नहीं बन पाया है जिस कारण यात्रियों को कुल 69 किलोमीटर पैदल चलना पड़ेगा।
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सेना की गाड़ियां देती है लिफ्ट
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार बुद्धि से नाभीढांग तक 36 किलोमीटर का वह मार्ग भी शामिल है जो वाहनों के लिए खुला है लेकिन इसमें कोई साधन उपलब्ध नहीं होने से यात्री पैदल ही जाते हैं। कभी कभार सेना की कोई गाड़ी कुछ यात्रियों को लिफ्ट दे देती है लेकिन यह हमेशा नहीं हो पाता। सड़क नहीं होने से पिछले वर्ष यात्रियों को पिथौरागढ़ से गुंजी हेलीकॉप्टर से ले जाने का प्रयास किया गया लेकिन यह सफल नहीं हो पाया क्योंकि अत्यधिक ऊंचाई पर होने से गुंजी में अधिकतर कोहरा रहता है और उड़ान बाधित रहती है।
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जानकारी के मुताबिक कई वर्षो से यात्रा के साथ जा रहे एक यात्री ने बताया कि यदि नजंग से बुद्धि तक का 16 किमी मार्ग बन जाता तो यात्री सीधे लिपुलेख बेस तक गाड़ी से जा सकते और पैदल यात्रा और यात्रा के दिन दोनों ही कम हो जाते। चंद्र सिंह के अनुसार पिथौरागढ़ से गुंजी के बजाय बुद्धि तक हेलीकॉप्टर से ले जाना बेहतर विकल्प है।
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