फर्स्ट क्लास क्रिकेट के आड़ में मानव तस्करी का पूरा प्लान सुनिए
फर्स्ट क्लास क्रिकेट के आड़ में मानव तस्करी का पूरा प्लान सुनिए
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बेहद शर्मनाक खुलासे के चलते पूर्व रणजी क्रिकेटर द्वारा विदेश जाने के लिए युवकों से पैसा वसूलने के काले कारनामे की बात सामने आई है. फर्स्ट क्लास क्रिकेट और कबूतरबाजी(मानव तस्करी) का ये रिश्ता इससे पहले कभी उजागर नहीं हुआ न ही किसी का ध्यान इस ओर गया. मामले में राजस्थान के पूर्व रणजी कप्तान मोहम्मद असलम और उनके हर्ष कौशिक मुख्य किरदारों में है और कैमरे में कैद सुबूत में साफ सुना जा सकता है की जेंटलमेन गेम से जुड़े ये लोग किस तरह से इस खेल की प्रतिष्ठा का उपयोग कबूतरबाजी में कर रहे है. जयपुर में स्टार क्रिकेट एकेडमी के संचालक और जयपुर डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष असलम और पूर्व अंडर-19 क्रिकेटर कौशिक ने क्रिकेट का उपयोग अपने नापाक इरादों के लिए किया. खुलासा देश के बड़े न्यूज़ चैनल ने किया है.

अब सुनिए दोनों की बात -

असलम ने कहा, सब पैसे का चक्कर है भाई, बस ये जेहन में रखना कि हमारी आपसी समझदारी ऐसी होनी चाहिए कि हम महसूस करें कि अपना ही काम कर रहे हैं.   
असलम ने फिर कौशिक को आगे कर दिया. कौशिक ने बताया कि क्रिकेट की आड़ में वो कैसे लोगों को विदेश भेजता रहा है.   
असलम ने कहा, “हर्ष (कौशिक) ये सारे टूर देखता है.  वो खुद सारे ग्रुप साथ ले जाता है. काफी समय पहले मैं भी इंग्लैंड जाया करता था. चार-पांच साल पहले मैंने कुछ विवादों के चलते ऐसा करना बंद कर दिया. मैं क्रिकेट राजनीति (राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन से जुड़ी) में भी शामिल हूं.” 
गुप्त सूत्र का सवाल , ‘इसका मतलब कि हम आपसे बात करें या कौशिक के साथ, बात एक ही है.’  
पूर्व रणजी खिलाड़ी असलम ने कहा, एक ही बात है. आप भाई हर्ष से बात करें, कोई दिक्कत नहीं.
कौशिक ने कहा, ‘दो रास्ते हैं. एक तो असली- जिसमें प्रोफेशनल क्रिकेटर्स को विदेश ले जाया जाता है और वो वहां खेल कर वापस आ जाते हैं. दूसरे रास्ते को ‘स्लिप’ कहा जाता है. इसे भी हम अपने टूरों के हिस्से के तौर पर करते हैं.’
गुप्त सूत्र का सवाल - आप क्रिकेट के लिए लगातार दौरे करते हैं. आप हमारे आदमियों को क्रिकेट टीम के सदस्य के तौर दक्षिण अफ्रीका क्यों नहीं भेज देते?  
कौशिक ने वादा किया- ‘अगले महीने भी मेरा एक टूर है. उसके बाद भी कई टूर पाइपलाइन में हैं. मैं उन्हें भेज दूंगा.’ कौशिक ने ‘फर्जी क्रिकेटर्स’ को जुलाई के पहले हफ्ते में दक्षिण अफ्रीका ले जाने की हामी भरी.   
कौशिक ने कहा, ‘ये 15 लोगों की टीम होगी लेकिन मैं 25 के लिए आवेदन कर सकता हूं. क्रिकेट टीम के सदस्य के तौर पर 25 लोग आवेदन (वीजा के लिए) कर सकते हैं.’  
गुप्त सूत्र ने कहा, ‘हमारे चार आदमियों को दक्षिण अफ्रीका भेज दीजिए, लेकिन उन्हें क्रिकेट खेलना नहीं आता.’  
कौशिक ने कहा, ‘सब हो जाएगा.’  
कौशिक ने सेल-फोन पर फोटो पर दिखाते कहा, ‘मैं आपको अभी यहीं वो टीम दिखा सकता हूं जिसे पिछले महीने दक्षिण अफ्रीका भेजा था. वो भी क्रिकेट खेलना नहीं जानते थे. ये देखिए.’
सूत्र ने पूछा, ‘उनमें से कितने फर्जी क्रिकेटर थे?’
कौशिक-  ‘5 से 6’ (कौशिक ने साथ ही कबूल किया कि ये सभी दक्षिण अफ्रीका जाकर गायब हो जाना चाहते थे.)
कौशिक ने कहा, ‘हम आपसे वीजा के लिए चार्ज नहीं करेंगे. आप हमारे पास तब आना जब आपके लोग रवाना हो चुके होंगे क्योंकि हम आपको जानते हैं. आप वीजा और एयर टिकटों की प्रतियों के बदले नकद पैसा लेकर आना. आप उन्हें ऑनलाइन या कहीं भी वैरीफाई कर सकते हैं.’
 कौशिक ने कहा, ‘करीब 28 से 30 लाख रुपये लगेंगे.’
कौशिक ने कहा, ‘हकीकत ये है कि मेरे पास पहले से ही पंजाब से 15 लोग हैं (इंग्लैड टूर के लिए). वो सारे फर्जी हैं.’


अब जरा इसी मामले से जुड़े राजस्थान के ही एक और पूर्व फर्स्ट क्लास क्रिकेटर विनोद चंवरिया से हुई बातचीत-


चंवरिया ने कहा, ‘मैंने 5 से 6 लाख रुपए मांगे. अगर मैं 25 लाख भी कहता (वो खर्चने को तैयार थे) लेकिन पासपोर्ट पर पंजाब का उल्लेख होने से वीजा जारी नहीं किया जाता.’   
चंवरिया ने कहा, ‘मैं वहां 4-5 साल से खेलने के लिए जा रहा हूं.’ चंवरिया ने कनाडा स्थित पाकिस्तानी प्रमोटर की पहचान ‘जावेद भाई’ के तौर पर बताई.  
चंवरिया ने कहा, मैं पासपोर्ट (की प्रतियां) उन्हें (जावेद भाई) को भेज दूंगा. उसके बाद ही निमंत्रण की चिट्ठियां जारी की जाएंगी. ये सुरक्षित फाइल होगी. किसी की भी उस तक पहुंच नहीं होगी.
सूत्र ने पूछा, ‘आप उन्हें कैसे ले जाओगे? क्रिकेट लीग के हिस्से के तौर पर, सही है ना.’
चंवरिया ने कहा, ‘हां, हम उन्हें किसी तरह फिट कर लेंगे.’
चंवरिया ने इसके बाद अपनी फीस के बारे में बताया- प्रति व्यक्ति 25-30 लाख रुपए. चंवरिया ने कहा कि लोग इतना ही पैसा खर्च कर रहे हैं.
सूत्र ने कहा, ‘अगर लोग वहां छह महीने के लिए वैध रूप से काम करने जाए और फिर वीजा अवधि में ही वापस आ जाए  तो उसका क्या?’
चंवरिया ने जवाब दिया, ‘5 लाख रुपए. हम उसे टीम मैनेजर या कुछ और (कागज पर) दिखाएंगे, जाने का असली मकसद क्या है उसे भूल जाओ.’

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