आप सभी को बता दें कि आज कुंभ संक्रांति है. जी हाँ, यह हिंदुओं के महत्वपूर्ण पर्वों में से एक माना जाता है ऐसे में मकर संक्रांति के बाद कुंभ संक्रांति को महत्वपूर्ण मानते हैं. कहते हैं कुंभ संक्रांति पर सूर्य, मकर से कुंभ राशि में प्रवेश करते हैं और कुंभ संक्रांति पापों के प्रायश्चित करने वाली है. कहा जाता है इस शुभ दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होने लगती है और इस दिन ब्रह्ममुहूर्त में सूर्यदेव की उपासना करें और उन्हें अर्घ्य देना शुभ होता है. क्योंकि ऐसा करने से जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलने लगती है और इस दिन दान का विशेष महत्व है.
आप सभी को बता दें कि कुंभ संक्रांति को फाल्गुन मास की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है और कुंभ संक्रांति पर आदित्य ह्रदय स्रोत का पाठ करें. इसी के साथ आप सभी जानते ही होंगे कि इस पाठ से सूर्यदेव प्रसन्न होते हैं और इस शुभ दिन विधि-विधान से पूजा करने पर घर-परिवार में कोई मुसीबत या रोग नहीं आ सकता है. वहीं सूर्यदेव के आशीर्वाद से जीवन के अनेक दोष भी दूर होने लगते हैं और प्रतिष्ठा और मान-सम्मान में वृद्धि होने लगती है.
कहते हैं इस दिन खाद्य वस्तुओं, वस्त्रों और ब्राह्मणों को दान देने से दोगुना पुण्य मिलता है और माना जाता है कि इस दिन गंगा में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होने लगती है. कहते हैं इस दिन गोदान करने से भगवान विष्णु के चरणों में स्थान मिल जाता है और केरल में इस पर्व को ‘मासि मासं’ कहते हैं.
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