स्थानीय भाषा में हों अदालतों के फैसले - भागवत
स्थानीय भाषा में हों अदालतों के फैसले - भागवत
Share:

नई दिल्ली : बेशक हमारे देश को आज़ाद हुए 70 बरस हो गए, लेकिन अंग्रेजों के जाने के बाद भी अंग्रेजी हमारे सरकारी दफ्तरों और न्यायालयों में व्यवहार की भाषा बनी हुई है.जिसका दर्द हर भारतीय को होता है, जिसे भारतीय भाषा अभियान के एक आयोजन में राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने जुबां दे दी. भागवत ने कहा कि कोर्ट की सुनवाईयां और फैसले स्‍थानीय भाषाओं में होने चाहिए .

उल्लेखनीय है कि भाजपा की ओर से आयोजित कार्यक्रम में भारतीय भाषा अभियान का विषय ‘मां मातृभूमि और मातृभाषा का कोई विकल्‍प नहीं जनता को जनता की भाषा में न्‍याय’ था.विभिन्‍न उदाहरणों का हवाला दिया और कहा कि विदेशी भाषाओं के जरिए भावनाओं और अहसासों को सही तरीके से प्रकट नहीं किया जा सकता.इसलिए अदालतों की सुनवाईयां और फैसले स्‍थानीय भाषाओं में होने चाहिए.

आपको बता दें कि संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भारत के न्यायालयों में भारतीय भाषाओं का उपयोग किया जाना चाहिए और यदि इसके लिए सॉफ्टवेयर विकसित करने की जरूरत पड़े तो वह भी बनाए जाने चाहिए. इसके लिए उन्होंने तर्क दिया कि स्‍थानीय भाषाओं के उपयोग में अतिरिक्‍त खर्च आ सकता है तो अंग्रेजी के उपयोग में भी तो खर्च होता है. भागवत ने सबको अपना काम भारतीय भाषाओं में करने और सर्वसम्‍मति से चुने गए एक भारतीय भाषा का उपयोग सभी कार्यों में करने की भी अपील की.

यह भी देखें

नीतीश सरकार को आरएसएस कंट्रोल कर रही है- तेजस्वी

आरएसएस के राकेश सिन्हा को अरेस्ट करना पड़ा भारी, SHO को किया सस्पेंड

 

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -