संता-बंता जोक्स को बंद करने पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज
संता-बंता जोक्स को बंद करने पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज
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नई दिल्ली : देश की सर्वोच्च अदालत में आज एक अजीब मामले की सुनवाई है। जिससे हम सभी परिचित है। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर संता-बंता जोक्स पर लगाम लगाने की दरख्वास्त की है, याचिकाकर्ता की दलील है कि इससे सरदारों का अपमान होता है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट आज अपना फैसला सुना सकती है।

इंटरनेट पर ऐसे जोक्स की भरमार है। इस अपमानजनक जोक्स के संदर्भ में याचिका हरविंदर चौधरी ने दायर की है। यह मामला जजों के लिए भी असमंजस की स्थिति पैदा करेगा, क्यों कि जज को पहले यह जाँचना होगा कि क्या वाकई इससे सरदारों की भावनाँए आहत होती है। गुरुवार को एक पेटीशन दायर कर यह कहा गया कि इन चुटकुलों में सरदारों को अल्पबुद्धि वाला बताकर उन पर भद्दे मजाक बनाए जाते है।

कहा जाता है कि संता-बंता शब्द का पहली बार प्रयोग फेमस लेखक खुशवंत सिंह ने किया था। उन्होने ही अपने एक कॉलम में सतनाम सिंह के लिए संता और बेअंत सिंह के बंता शब्द का इस्तेमाल किया था। इससे पहले भी कई सिख समुदायों ने इस संबंध में पुलिस से शिकायत की लेकिन इस बार यह मामला सीधे सुप्रीम कोर्ट जा पहुँचा है।

पहली बार यह मसला तब उठा जब मार्च 2007 में बिजनेसमैन मोहिंदर नानकसिंह कक्कर ने मुंबई के एक पब्लिशऱ रंजीत परांदे पर संता-बंता पर अपमानजनक जोक की पुस्तक प्रकाशित करने पर गिरफ्तार करवाया।         

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