बरसो पुरानी परंपरा तोड़ अंतिम संस्कार में शामिल हुई जैन महिलाएं
बरसो पुरानी परंपरा तोड़ अंतिम संस्कार में शामिल हुई जैन महिलाएं
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परसिया: महिलाओं को समाज में समान दर्ज़ा देने पर बहस देश भर में तेज़ होती जा रही है, कई जगहों पर महिलाओं को बरसो पुरानी परम्पराएं तोड़ कर समान दर्ज़ा दिया जा रहा है, इसका हालिया उदाहरण मध्यप्रदेश के परासिया में देखने को मिला, जहां एक महिला की अंतिम यात्रा में बरसो पुरानी परंपरा तोड़ महिलाओं द्वारा निर्विरोध शामिल हुआ गया.त्याग संयम के आधार पर जैन समाज में कुल ग्यारह प्रतिमाएं धारण की जा सकती है.

इसी तरह चमेली बाई जैन दो प्रतिमाधारी महिला थी, उन्होंने वैराग्य धारण किया था. सोमवार निधन के बाद चमेली देवी के बेटो द्वारा उनकी अंतिम यात्रा में सभी महिलाओं से शामिल होने का आग्रह किया गया, सभी लोगो की सहमति पर सभी महिलाओं द्वारा चमेली देवी की शवयात्रा में शामिल हो कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गयी.

जैन समाज के अध्यक्ष भरत जैन द्वारा इस पहल का स्वागत करते हुए कहा गया है की, महिलाओं को अंतिम यात्रा में शामिल होने से रोकना उचित नहीं है, जैन समाज इस नयी पहल का स्वागत करता है.

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