नई दिल्ली : जवाहर लाल नेहरू (जेएनयू) में देशविरोधी नारे लगाने के मामले को लेकर पटियाला हाउस कोर्ट में आज सुनवाई की जाएगी. शुक्रवार को कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ मुकदमा चलाने की इजाजत दिल्ली सरकार से नहीं मिल पाई थी. पटियाला हाउस कोर्ट ने शुक्रवार को इस केस की सुनवाई करते हुए संबंधित डीसीपी को बुलाया था. अदालत ने डीसीपी को रिपोर्ट के साथ शनिवार को अदालत में हाजिर होकर बताने को कहा था कि अब तक दिल्ली सरकार से मामला चलाने के लिए अनुमति क्यों नहीं मिली और बिना अनुमति के दिल्ली पुलिस ने आरोपपत्र दाखिल क्यों किया?
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गत सुनवाई में पुलिस की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि अभी तक मामला चलाने की अनुमति सरकार से नहीं मिली है और इस प्रक्रिया में दो से तीन माह का वक़्त लग सकता है. इस पर अदालत ने पुलिस से पूछा था कि जब अनुमति नहीं मिली थी तो चार्जशीट दाखिल करने की जल्दी क्या थी? अदालत ने मामले की जांच कर रहे डीसीपी से भी जवाब तलब किया था. वहीं, पुलिस की ओर से वह वीडियो भी अदालत में प्रस्तुत किया गया था, जिसके आधार पर जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और अन्य के विरुद्ध देशद्रोह के आरोप में मामला दर्ज किया गया था.
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पुलिस ने जेएनयू परिसर में नौ फरवरी 2016 को आयोजित किए गए एक कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर देश विरोधी नारे लगाने को लेकर दायर किए गए 1200 पन्ने की चार्जशीट में विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य को भी अभियुक्त बनाया गया है. पुलिस ने कोर्ट में जेएनयूएसयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और अन्य के विरुद्ध 1200 पन्नों की चार्जशीट दाखिल करते हुए कहा था कि वह यूनिवर्सिटी परिसर में एक कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहे थे और उन पर फरवरी 2016 में यूनिवर्सिटी परिसर में राष्ट्र विरोधी नारों का समर्थन करने का आरोप है.
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