नई दिल्लीः देश - विदेश में प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) अपने शिक्षण कार्य को लेकर फेमस रहा है। मोदी सरकार में यह विश्वविद्यालय सरकार की नीतियों का विरोध करने वाले अहम स्थानों में रहा है। इस विश्वविधालय को वामपंथी रूझान के लिए भी जाना जाता है। इसलिए केंद्र की दक्षिणपंथी सरकार से अक्सर इसका टकराव होता रहा है। इस दौरान यह विवि खूब विवादों में रहा। अब एक सांसद ने इससे जुड़ी एक ऐसी मांग की है जो और विवादों को हवा दे सकती है। बीजेपी के दिल्ली से सांसद और गायक हंस राज हंस ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय का नाम बदल कर पीएम मोदी के नाम पर रखने का सुझाव दिया है।
हंस की शनिवार को की गई इस टिप्पणी पर जेएनयू छात्र संघ समेत कुछ अन्य लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उत्तर-पश्चिम दिल्ली से सांसद हंस ने एक शाम शहीदों के नाम कार्यक्रम में यह सुझाव दिया। इस कार्यक्रम का आयोजन आरएसएस संबद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने देश के शहीद सैनिकों के सम्मान में किया था। कार्यक्रम में हंस ने कहा कि जेएनयू का नाम बदल कर एमएनयू कर दिया जाना चाहिए। मोदीजी के नाम पर कुछ तो हो। उनकी टिप्पणी पर जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष एन साईं बालाजी ने तीखी प्रतिक्रिया दी।
उन्होंने कहा कि अब जब विश्वविद्यालय जुमला निर्माण केंद्रों में तब्दील हो रहे हैं तो क्यों न सभी विश्वविद्यालयों के नाम मोदी के नाम पर कर दिए जाएं। इसके अलावा जेएनयू छात्र संघ के पूर्व महासचिव रामा नगा ने कुलपति एम जगदीश कुमार पर निशाना साधने के लिए इस टिप्पणी का इस्तेमाल किया। इस पर एक सवाल का जवाब देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनुसिंघवी ने कहा कि उन्हें डर है कि मौजूदा सरकार देश का नाम भी बदल सकती है। उन्होंने कहा कि हमें डर है कि हमारे देश का नाम बदल जाएगा। उनके जैसे शख्स को मुख्यधारा का नेता नहीं कहा जा सकता जिसके नाम का आपने अभी जिक्र किया। बीजेपी नेता अक्सर इस विवि के खिलाफ विवादित बयान देते आए हैं।
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