नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में हिंसा के आरोपी उमर खालिद की जमानत याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय की सुनवाई के दौरान SSP ने कोर्ट को बताया कि उमर खालिद और अन्य लोगों के बीच व्हाट्सएप चैट हुईं हैं, जो दिखाते हैं कि वह जाफराबाद में बांटे गए पर्चे तैयार कर रहा था. इसके साथ ही इन्हें विभिन्न मस्जिदों के इमामों को नमाज के दौरान खुतबा में पढ़ने के लिए बांटा गया था.
SSP ने कोर्ट को बताया कि JNU का पूर्व छात्र शरजील इमाम और उमर खालिद भी संपर्क में थे. आसिफ तन्हा, सैफुल व अन्य भी संपर्क में थे. ये सभी लोग शाहीन बाग में विरोध स्थल पर मौजूद थे, पुरानी दिल्ली और अन्य क्षेत्रों में भी घूम रहे थे. उन्होंने बताया कि ये लोग विरोध प्रदर्शनों के कॉर्डिनेशन और पुलिस कार्रवाई का विरोध करने के लिए व्हाट्सएप पर योजनाएं बना रहे थे. SSP ने आगे कहा कि, यह आदमी दावा करता है कि वह JNU से है, और वह दावा करता है कि वह शाहीन बाग में था, मगर विरोध प्रदर्शनों से बाहर था? किन्तु 13 जनवरी के मेसेज से पता चलता है कि वह कह रहा है कि यदि आपको खुरेजी में किसी मदद की आवश्यकता है, तो मेरे पास कॉन्टेक्ट हैं.
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के समर्थकों और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसा के बाद 24 फरवरी, 2020 को उत्तर पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी और कम से कम 53 लोगों की जान चली थी और करीब 700 लोग जख्मी हो गए थे.
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