केंद्र सरकार व्यवस्था में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के लिए काम कर रही है। हाल ही में जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इसी संबंध में 'ऑन-साइट सुविधा का फोटोग्राफिक रिकॉर्ड' ऐप लॉन्च किया। यह एप्लिकेशन बीईएएमएस एप्लिकेशन के माध्यम से आवंटित बजट के खिलाफ संबंधित कोषागारों में बिलों को प्राथमिकता देते हुए जियोटैग्ड फोटोग्राफ अपलोड करने में मदद करेगा।
यह समय अवधि में परियोजनाओं की निगरानी और समय पर पूरा करेगा। इस आवेदन में अब सभी परियोजनाओं का विवरण पूर्ण भू-टैग की गई तस्वीरों के साथ अब एम्पावरमेंट पोर्टल के माध्यम से जनता के लिए उपलब्ध होगा। उपराज्यपाल के कार्यालय ने ट्विटर पर कहा कि जब तक परियोजनाओं की तस्वीरें अपलोड नहीं की जाती हैं, तब तक कोषागार में किसी भी बिल पर विचार नहीं किया जाएगा। ते ट्वीट में लिखा है, "प्रणाली में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही लाते हुए, सभी परियोजनाओं का विवरण पूर्ण भू-टैग की गई तस्वीरों के साथ अब जनता के लिए एम्पावरमेंट पोर्टल के माध्यम से उपलब्ध होगा।"
जबकि एक अन्य ट्वीट में कहा गया था कि "अब से कोषागार में किसी भी बिल पर विचार नहीं किया जाएगा जब तक कि परियोजनाओं की तस्वीरें अपलोड नहीं की जाती हैं। इस नई पहल का परियोजनाओं की निगरानी और समय पर पूरा होने पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा।"
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