पटना : पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने नितीश सरकार की तरफ से जारी 10 वर्ष की रिपोर्ट कार्ड को दिखावा बताते हुए इसकी निंदा की सोमवार को मांझी ने नीतीश सरकार के विरोध में अपने कार्यकाल के दौरान किए कार्यो का रिपोर्ट कार्ड जारी किया. जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि 2005 से 2013 के बीच NDA गंठबंधन का शासन था और मई, 2014 से फरवरी, 2015 तक जीतन राम मांझी का कार्यकाल था. इन दोनों के कार्यकाल में किये कार्यो को वो अपने कार्यों में गिनवा रहे हैं जो गलत है. शुरुआती पांच साल में भाजपा के सहयोग से विकास के कार्य हुए, ऐसे में इस समय की सारी उपलब्धियां उनकी नहीं हैं.
मांझी ने कहा कि कच्ची दरगाह से राघोपुर के बीच पुल बनाने के लिए जब केंद्र सरकार तैयार थी, तो राज्य सरकार ने जबरदस्ती इसके निर्माण की जिम्मेदारी अपने ऊपर क्यों ली. इसके लिए राज्य सरकार को 3 हजार 500 करोड़ रुपये का कर्ज लेना पड़ा.
मांझी ने नीतीश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार के वर्तमान पथ निर्माण मंत्री ने निर्माण कंपनी से 10 प्रतिशत कमीशन ले रखा था. इस कारण यह ठेका उसे दिलाना पड़ा. हालांकि उन्होंने मंत्री का नाम नहीं लिया. नाम पूछने पर कहा कि यह आप लोगों पर छोड़ता हूं, आपको पता होना चाहिए वर्तमान पथ निर्माण मंत्री कौन हैं. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय, कन्वेंशन हॉल जैसे निर्माण कार्यो को गैर-जरूरी और कमीशनखोरी का माध्यम बताया.