बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जले में नाबालिग से रेप के मामले में विशेष न्यायाधीश पॉक्सो उदय लक्ष्मी सिंह परमार ने दोषी को सजा सुनाई है. उन्होंने दोषी जीजा राजेन्द्र सिंह राजपूत को 20 वर्ष कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही एक हजार रूपये का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने ये फैसला सुनाकर दो महीने के भीतर नाबालिग को इंसाफ दिया है.
दरअसल, 13 दिसम्बर 2019 को महिला एवं बाल विकास विभाग की सुपरवाइजर सरोज तिवारी अपने पति के साथ घर वापस आ रही थी. इसी बीच राजेन्द्र सिंह जबरन बच्ची को बैठाकर ले जा रहा था. जिसे देखकर सरोज और उसके पति ने मोटर साइकिल सवार का पीछा किया. कुछ दूर जाकर जब उन्होंने देखा तो दोषी बच्ची के साथ दुष्कर्म कर रहा था. जैसे ही सरोज और उसके पति ने उसे पकड़ने का प्रयास किया तो, वो भागने लगा. किन्तु दोनों ने उसे पकड़कर पुलिस के सुपुर्द कर दिया.
वहीं पुलिस ने इस मामले में तत्परता दिखाते हुए 10 दिन के भीतर राजेन्द्र सिंह राजपूत को अभियोग पत्र अदालत में पेश किया. मामले की सुनवाई कर विशेष न्यायाधीश पॉक्सो ने पाया कि आरोपी रिश्ते में पीड़िता का जीजा लगता है. न्यायाधीश पॉक्सो उदय लक्ष्मी सिंह परमार ने कहा कि यह बेहद जघन्य अपराध है क्योंकि इससे लोगों का रिश्तों से भरोसा उठ रहा है. छोटी बच्चियां भी अपने परिवार में अपनों के बीच भी महफूज़ नहीं हैं. इस बयान के साथ जज ने दोषी राजेन्द्र सिंह राजपूत पर एक हजार जुर्माना लगाने के साथ 20 साल कैद की सजा सुना दी.
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