अहमदाबाद : प्रदेश के निर्दलीय विधायक व चर्चित दलित नेता जिग्नेश मेवाणी ने कहा है कि सवर्ण गरीबों के लिए 10 फीसदी जाति आधारित आरक्षण खत्म करने के संघ व भाजपा के एजेंडे की ओर उठाया गया कदम है।
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यह भी बोले मेवाणी
जानकारी के लिए बता दें कि संसद ने नौ जनवरी को उक्त विधेयक पारित कर दिया था। इसके बाद राष्ट्रपति ने सामान्य वर्ग के गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर उम्मीदवारों को सरकारी नौकरी व शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण के प्रावधान वाले उक्त विधेयक को शनिवार को मंजूरी दे दी थी। एक कार्यक्रम के सिलसिले में महानगर आए मेवाणी ने बताया कि उनके अलावा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्ग के सदस्यों को अंदेशा है कि यह सामाजिक शैक्षणिक आधार पर आरक्षण खत्म करने की दिशा में उठाया गया पहला कदम है।
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संघ व भाजपा का बहुत पुराना एजेंडा
सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार उन्होंने बताया कि संविधान की अनदेखी कर जाति आधारित आरक्षण खत्म करना संघ व भाजपा का बहुत पुराना एजेंडा है। मेवाणी ने बताया कि सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछडे़ लोगों का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए देश में आरक्षण व्यवस्था की शुरुआत की गई थी। इसका मकसद गरीबी खत्म करना नहीं था।
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