अहमदाबाद: हाल ही में गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी ने स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के संबंध में लाए गए विधेयक को मंगलवार को विधानसभा के बाहर जलाकर अपना विरोध जताया. जंहा आदिवासियों के समर्थन में मेवाणी ने विधेयक का विरोध किया है. मेवाणी को सत्र के पहले ही दिन सदन से निलंबित कर दिया गया था.
हम आपको बता दें कि गुजरात विधानसभा के तीन दिवसीय सत्र के पहले दिन संविधान दिवस पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री विजय रूपाणी सदन को बता रहे थे कि गत 26 नवंबर 2019 को राज्य सरकार ने हर्ष व उल्लास के साथ संविधान दिवस मनाया. इसी बीच, विधायक मेवाणी ने सरकार पर संविधान विरोधी काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में दलितों के खिलाफ अत्याचार की घटनाएं हो रही हैं, लेकिन सरकार गंभीर नहीं है. मेवाणी ने कहा कि पूर्व में राज्य सरकार की ओर से सुरेंद्रनगर में संविधान की पुस्तक को हाथी पर रखकर संविधान यात्रा निकाली गई थी, लेकिन उसकी सुरेंद्रनगर के थानगढ़ में दलित युवकों को गोली मार दी गई थी. सरकार अब भी उन पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने पर गंभीर नहीं है.
वहीं सूत्रों का कहना है कि मंगलवार को उन्होंने स्टेच्यू ऑफ यूनिटी डेवलपमेंट बिल का विरोध कर रहे आदिवासियों के समर्थन में इस संबंध में विधानसभा में लाए गए बfल को जलाकर विरोध जताया. राज्य सरकार स्टेच्यू ऑफ यूनिटी का विकास करने तथा अधिक से अधिक पर्यटकों आकर्षित करके लिए लिए एक विधेयक लाकर वहां के प्रशासन के लिए विधेयक पेश किया, जिसे निर्दलीय विधायक मेवाणी ने आदिवासी विरोधी बताते हुए जला दिया.
राम मंदिर मुद्दे पर बोले जी किशन रेड्डी, कहा- अदालत के निर्देशों पर काम कर रही केंद्र सरकार
जब प्याज़ के सवाल पर फंस गईं स्मृति ईरानी, हेलीकाप्टर का गेट बंद कर किया खुद का बचाव
जल्द ही जम्मू- कश्मीर में होंगे विधानसभा चुनाव, LG ने कहा- 'जनता के हाथों में जानी चाहिए सत्ता'...