पटना : मंत्रिमंडल में विवाद को लेकर बिहार का राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदल रहा है। न सिर्फ सिलसिलेवार तरीके से बयान आ रहे हैं बल्कि मुलाकातों का सिलसिला भी शुरू हो गया है। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने रविवार को नीतीश कुमार से मुलाकात कर बड़ा सियासी भूचाल ला दिया है। इस मुलाकात के बाद अटकलों का बाजार गर्म है।
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ऐसा रहा इफ्तार पार्टी का नजारा
जानकारी के मुताबिक नीतीश के धुर सियासी दुश्मन रहे मांझी जदयू के इफ्तार पार्टी में शिरकत करने पहुंचे, लेकिन एनडीए के घटक दल भाजपा का कोई नेता इस जलसे में नहीं दिखा। पिछले दो दशकों के अंदर बिहार के राजनीतिक पटल पर दलों के जुड़ने और बिछुड़ने का खेल कई दफा खेला गया है। उस खेल के सबसे माहिर खिलाड़ी में मांझी भी एक रहे हैं।
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कुछ ऐसा बोले थे पासवान
जानकारी के लिए बता दें कि मांझी को जब नीतीश कुमार ने अपनी कुर्सी सौंपी तो कुछ ही दिन बाद कायदे से मांझी ने नीतीश से बगावत करते हुए पलटी मार दी थी। इससे पहले रामविलास पासवान ने कहा था एनडीए में सब कुछ ठीक है और नीतीश कुमार राज्य में हमारे नेता हैं। इसके बहुत सारे अर्थ नहीं निकाले जाने चाहिए। नीतीश यह भी कह चुके हैं वह एनडीए में थे, हैं और रहेंगे। इसके अतिरिक्त इस रिश्ते को और पक्का करने को मैं हूं न।
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