पटना: बिहार के युवा केंद्र सरकार द्वारा सेना में भर्ती करने के लिए लाई गई अग्निपथ स्कीम के विरोध में हैं। दो दिनों में विरोध प्रदर्शन में करोड़ों की सरकारी प्रॉपर्टी फूंक डाली गई है, किन्तु बिहार के राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के मुंह से बोल नहीं निकल रहा है। बिहार के तीन जिलों में प्रदर्शनकारियों ने ट्रेनों को फूंक दिया। दूसरी तरफ जनता दल यूनाइटेड कोटे से बिहार सरकार में मंत्री विजेंद्र यादव का एक ऐसा बयान आया है, जो NDA की पूरी राजनीति को अग्निपथ पर डाल सकता है।
हालांकि बयान तो JDU नेता उपेंद्र कुशवाहा ने भी दिया है तथ JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने तो केंद्र सरकार से इस स्कीम पर पुनर्विचार करने की अपील तक कर डाली, किन्तु सीएम नीतीश कुमार अभी भी चुप्पी साधे हुए हैं। इस मामले पर ऊर्जा मंत्री विजेंद्र यादव ने केंद्र पर सवाल उठाते हुए कहा कि भारत सरकार को इस बात पर विचार करनी चाहिए। इस पर लोगों से बैठकर चर्चा करनी चाहिए। ये बिहार सरकार का मामला नहीं है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि ये पूरी तरह केंद्र का मामला है।
हालांकि बिहार में सरकार दोनों दल चला रहे हैं। दूसरी ओर भाजपा शासित प्रदेशों ने युवाओं के गुस्से को शांत करने के लिए स्थानीय स्तर पर होने वाली नियुक्तियों में अग्निवीरों के लाभ की बात कही है। विद्यार्थियों के उग्र प्रदर्शन पर ललन सिंह एवं संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने एक कदम आगे बढ़कर कह दिया कि इस स्कीम पर केंद्र को पुनर्विचार करना चाहिए। केंद्र को विद्यार्थियों से चर्चा करनी चाहिए, जिससे मामले को शांत किया जा सके।
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