नईदिल्ली। आखिरकार, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर, जयराम ठाकुर का चुनाव हो गया। इस तरह से, हिमाचल में तीन दशक बाद किसी महत्वपूर्ण राजनीतिक परिवार और, शाही परिवार के अलावा अन्य व्यक्ति मुख्यमंत्री पद पर आसीन हुआ है। जयराम ठाकुर को मुख्यमंत्री पद के लिए चयनित करने के साथ भाजपा ने कांग्रेस मुक्त हिमाचल के संकल्प को पूर्ण किया। उल्लेखनीय है कि, भाजपा के मुख्यमंत्री पद के दावेदार रहे प्रेम कुमार धूमल इस चुनाव में हार गए।
हालांकि, धूमल पूर्व में मुख्यमंत्री रहे हैं। मगर, इस बार उन्हें विधानसभा में पहुचने का अवसर नहीं मिला। प्रेम कुमार धूमल और हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का हिमाचल प्रदेश की राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान है। कांग्रेस के वीरभद्र सिंह, प्रेम कुमार धूमल से न केवल आयु में बड़े हैं बल्कि राजनीतिक तौर पर वे धूमल से न केवल आयु में बड़े हैं बल्कि, राजनीतिक तौर पर वे धूमल से अधिक महत्वपूर्ण माने जाते हैं
मगर इस बार दोनों ही नेताओं को चुनाव में मुश्किलों का सामना करना पड़ा। जहां पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार नहीं बन सकी वहीं धूमल अपनी सीट से निर्वाचित नहीं हो सके। हिमाचल प्रदेश में दो महत्वपूर्ण राजनीतिक शख्सियत इस तरह से चुनावी परिणामों में रूखसत हो गईं इसे बेहद आश्चर्यजनक माना जा रहा है। प्रेम कुमार धूमल के जीतने की लोगों को उम्मीद थी लेकिन वे जीत पाने में सफल नहीं हुए।
जयराम ठाकुर के सिर होगा हिमाचल का ताज
तंगहाल जिंदगी से सीएम की कुर्सी तक..जयराम ठाकुर