अनियमित खानपान और अस्वस्थ जीवनशैली के कारण विभिन्न प्रकार की बीमारियों का जन्म हो सकता है, जिनमें से एक प्रमुख समस्या ज्वाइंडिस या पीलिया है। पीलिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर में बिलीरुबिन की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे त्वचा और आंखों का रंग पीला हो जाता है। यह स्थिति लिवर पर बुरा असर डालती है और गंभीर मामलों में जानलेवा भी हो सकती है।
स्वामी रामदेव ने पीलिया के इलाज के लिए एक प्रभावशाली घरेलू उपाय प्रस्तुत किया है, जिसे तीन दिन में गंभीर पीलिया को ठीक करने का दावा किया गया है। उनके अनुसार, निम्नलिखित उपाय पीलिया के उपचार में सहायक हो सकते हैं:
भूमि आंवला, मकोय, और पूनर्नवा का काढ़ा:
स्वामी रामदेव ने बताया कि भूमि आंवला, मकोय, और पूनर्नवा की समान मात्रा में पाउडर तैयार कर इसे पानी में उबालकर काढ़ा बनाना चाहिए। इस काढ़े को नियमित रूप से पीने से पीलिया की समस्या में राहत मिल सकती है। भूमि आंवला, मकोय और पूनर्नवा तीनों ही आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ हैं जो लिवर की सेहत को सुधारने और शरीर की विषाक्तताओं को बाहर निकालने में मदद करती हैं।
श्योनाक की छाल का टोटला क्वाथ:
श्योनाक की छाल को पानी में भिगोकर रात भर रखें। सुबह उस पानी को छानकर पीने से पीलिया में सुधार हो सकता है। श्योनाक, जिसे अंग्रेजी में "Syonaka" कहा जाता है, पीलिया के इलाज में उपयोगी माना जाता है और यह पाचन तंत्र को भी ठीक करता है।
आंक के पौधे की टहनी:
आंक के पौधे की छोटी टहनी को पान की पत्तियों में डालकर चबाने से भी पीलिया में लाभ हो सकता है। आंक का पौधा विषाक्त तत्वों को बाहर निकालने और लिवर को साफ करने में मदद करता है।
अरंडी के पत्तों का रस:
अरंडी के पत्तों का ताजा रस पीने से भी पीलिया में सुधार हो सकता है। अरंडी के पत्ते लिवर को स्वस्थ रखने और शरीर से विषाक्त तत्वों को निकालने में सहायक होते हैं।
स्वामी रामदेव के अनुसार, इन प्राकृतिक उपायों के साथ-साथ पीलिया के इलाज के लिए एक संतुलित आहार और जीवनशैली में बदलाव भी महत्वपूर्ण है। धूम्रपान, शराब और तला-भुना भोजन से बचना चाहिए और हरी सब्जियों, फलों, और तरल पदार्थों का सेवन बढ़ाना चाहिए।
इन उपायों को अपनाकर और नियमित चिकित्सा सलाह के साथ पीलिया का इलाज किया जा सकता है। यदि स्थिति गंभीर हो, तो हमेशा विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक है।
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