चंडीगढ़ : हरियाणा हाई कोर्ट ने प्रदेश में जाटों को दिए गए आरक्षण पर रोक लगा दी है. जाटों समेत अन्य पांच जातियों को भी आरक्षण के लाभ से वंचित कर दिया जाएगा. यह फैसला हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आधार पर दिया है. केन्द्र के बाद हरियाणा में भी आरक्षण की मांग कर रहे जाटों को निराशा का सामना करना पड़ा. सोमवार को जाट आरक्षण के मामले पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने जाट आरक्षण पर त्वरित प्रतिबन्ध लगाने के आदेश जारी किये है.
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में इस मामले पर सुनाए गए निर्णय को आधार मानकर हाई कोर्ट ने जाटों सहित, रोड़, बिश्नोई, त्यागी, जटसिख और मुल्लाजट को विशेष ओबीसी कोटे के अंतर्गत दिए गए दस प्रतिशत आरक्षण के लाभ से वंचित कर दिया है. इसके अतिरिक्त हाई कोर्ट ने पूर्व की सरकार में सामान्य वर्ग में आर्थिक आधार पर दिए गए दस प्रतिशत आरक्षण पर भी प्रतिबन्ध लगा दिया है.
हरियाणा में पूर्व की हुड्डा सरकार के कार्यकाल में जाटों सहित पांचों जातियों को आरक्षण देने के मुद्दे पर कई याचिकाएं पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में दर्ज की गयी थी. इन याचिकाओँ में आरक्षण को असवैधानिक बताया गया था. हाई कोर्ट से इस याचिका को रद्द करने की मांग की गयी थी. कोर्ट के फैसले को याचिकर्ताओ ने स्वागत किया है. यचिकर्ताओ ने इस निर्णय को जन हितेषी बताया है. गौरतलब है कि इससे पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व यूपीए की सरकार द्वारा केन्द्र में जाटों को दिए गए आरक्षण को समाप्त कर दिया था. सु्प्रीम कोर्ट ने जाट आरक्षण मामले में केन्द्र की रिव्यु पेटीशिन को भी रद्द कर दिया है.