जन्माष्टमी का पर्व इस साल 18 अगस्त को मनाया जाने वाला है। ऐसे में इस दिन आप भगवान श्री कृष्ण को उनका प्रिय भोग चढ़ाये क्योंकि इससे मस्तिष्क तेज होगा और बुद्धि बढ़ेगी। जी दरअसल जन्माष्टमी व्रत पूजन में श्री कृष्ण भगवान को पंजीरी के साथ पंचामृत का भोग लगाना अत्यंत शुभ माना जाता है। कहा जाता है यह भोग कृष्ण भगवान को सबसे ज्यादा पसंद है। वहीं हिंदू धर्म में श्री कृष्ण भगवान बहुत ही प्रिय देवता है और इनके भक्त केवल भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में फैले हुए हैं।
जन्माष्टमी के दिन भक्त व्रत रखते हैं और भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं। जी दरअसल पंचांग के अनुसार, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। वहीं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कृष्ण का जन्म मध्य रात्रि में हुआ था और इस लिहाज से कुछ लोग श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 18 अगस्त को मनाएंगे, वहीं उदया तिथि की गणना के अनुसार 19 अगस्त को जन्माष्टमी मनाना भी उत्तम है। आपको बता दें कि ऐसी मान्यता है कि बिना पंचामृत के श्रीकृष्ण की पूजा अधूरी रह जाती है। इसलिए इन्हें पंचामृत का भोग जरूर लगाना चाहिए। जी हाँ और पंचामृत दूध, दही, घी, शहद, चीनी से बनकर तैयार होता है और इसे देवताओं का पेय भी कहते हैं।
कहते हैं श्री कृष्ण पूजा में भगवान को पंचामृत का भोग लगाना अत्यंत शुभ माना जाता है। इस वजह से श्री कृष्ण जन्मोत्सव यानी जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण को पंचामृत का भोग जरूर लगाना चाहिए। ऐसा करने से भगवान कृष्ण अत्यंत प्रसन्न होते हैं तथा भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करते है। अगर कृष्ण जी मेहरबान होते हैं तो घर-परिवार में शांति बनी रहती है। नौकरी और व्यापार में तरक्की होती है। भगवान कृष्ण की कृपा से सुख समृद्धि में वृद्धि होती है।
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