गजकेसरी योग में आई जन्माष्टमी, बन रहा है शुभ संयोग
गजकेसरी योग में आई जन्माष्टमी, बन रहा है शुभ संयोग
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श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की देशभर में धूम मची हुई है हर कोई कृष्ण रंग में सराबोर है। सुबह से ही मंदिरों में कृष्ण भक्तों का तांता लगा हुआ है। इस दौरान हर कहीं से श्रीकृष्ण के भजनों की गूंज सुनाई दे रही है। मगर क्या आप जानते हैं इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी भद्र और गजकेसरी योग में आई है। इस दौरान मनोकामना की पूर्ति के लिए शनिवार के साथ भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का दुर्लभ योग आया है।

इस दौरान 5 सितंबर की मध्यरात्रि को अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र का महायोग भी है। ऐसे में यह एक दुर्लभ संयोग है। मिली जानकारी के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के समय सभी योग आ रहे हैं। इस दौरान रोहिणी नक्षत्र आ रहा है। इस तरह का संयोग 42 वर्षों के बाद आया है। 5 सितंबर को तड़के 9 बजे के बाद अष्टमी तिथि 6 सितंबर प्रातः 7.35 बजे तक प्रारंभ होगी।

इस दौरान सूर्य अपनी सिंह राशि में देवगुरू बृहस्पति के साथ होंगे। यही नहीं बुध राहु के साथ कन्या राशि में और शुक्र व मंगल एक साथ कर्क राशि में होंगे। इस दौरान ज्योतिषीयों द्वारा कहा गया है कि भद्र और गजकेसरी योग में जन्म लेने वाला बालक भगवान की तरह ही संसार का उद्धार करने वाला होगा। इस दौरान माता दुर्गा का भी देवकी के गर्भ से जन्म माना जाता है। इस दौरान दुर्गा पूजा का भी महत्व है। 

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