श्रीनगरः जम्मू-कश्मीर की स्थानीय राजनीतिक पार्टियों केंद्र सरकार के किसी भी उस कदम का विरोध करेंगी जो राज्य के मौजूदा स्वरूप से छेड़छाड़ करती हो। राजनीतिक दलों ने एकजूट होकर ऐसे किसी भी कदम का विरोध करने का सर्वसम्मत निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि वह विशेष दर्जे की गारंटी देने वाले संवैधानिक प्रावधानों को रद्द करने या राज्य को तीन हिस्सों में बांटने की कोशिश से जुड़े किसी कदम का विरोध करेंगे।
कल यानि रविवार को नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के घर हुई बैठक में पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती, नेकां नेता उमर अब्दुल्ला, ताज मोहीउद्दीन (कांग्रेस), मुजफ्फर बेग (पीडीपी), सज्जाद लोन और इमरान अंसारी (पीपुल्स कांफ्रेंस) , शाह फैसल (जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट) और एम वाई तारिगामी (माकपा) भी शामिल हुए। दरअसल, ये बैठक महबूबा के आवास पर होनी थी, मगर अब्दुल्ला के खराब स्वास्थ्य को देखते हुए इसका आयोजन उनके आवास पर हुआ।
नेकां अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने बताया कि,‘‘सर्वसम्मति से यह संकल्प लिया गया कि सभी राजनीतिक पार्टियां जम्मू कश्मीर की पहचान, उसकी स्वायत्तता और विशेष दर्जे को किसी भी प्रकार के हमले से बचाने के लिए एकजुट होकर संघर्ष करेगी। वह बदलाव अनुच्छेद 35 ए और 370 को खत्म करना, असंवैधानिक परिसीमन और राज्य को तीन हिस्सों जम्मू , कश्मीर और लद्दाख में बांटना लोगों के विरूद्ध हमला होगा।’’
इस बैठक में पास किये गये प्रस्ताव का नाम गुपकर घोषणा दिया गया क्योंकि यह बैठक श्रीनगर के गुपकर इलाके में हुई थी। इस बैठक में राजनीतिक दलों ने भारत और पाकिस्तान से ऐसा कोई कदम नहीं उठाने की अपील की है, जो ईलाके में टेंशन बढ़ाता हो। उन्होंने राज्य के लोगों से शांति बनाए रखने की भी अपील की।
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