श्रीनगर: भीख मांगने को समाज में सम्मानजनक नहीं माना जाता है. भिखारियों की लगातार बढ़ रही संख्या और उनसे होने वाली दिक्कतों के कारण जम्मू प्रशासन ने सख्त रूख अपनाते हुए भीख मांगने पर बैन लगा दिया है. दरअसल, आम नागरिकों से बड़े पैमाने पर प्रशासन को शिकायत मिल रही थी. लोगों की लगातार बढ़ रही दिक्कतों को देखते हुए डिप्टी कमिश्नर जम्मू रोमेश कुमार ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिया है और उन्होंने पुलिस के अलावा कई और विभागों को भी इस निर्देश का अनुपालन करने के लिए कहा है.
जम्मू प्रशासन ने बैगर्स एक्ट 1960 के तहत भीख मांगने पर बैन लगाया है. जम्मू के डिप्टी कमिश्नर रोमेश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया है कि इस नियाम का सख्ती से पालन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कई बार इस तरह की भी शिकायतें सामने आई हैं कि भीख मांगने की आड़ में कई लोग कई तरह के अपराधिक मामलों में भी शामिल रहे हैं, जो सुरक्षा के नाम पर भी एक बड़ा खतरा है. इसलिए इस पर प्रतिबन्ध लगाना जरूरी है.
आपको बता दें कि भारत में भले ही भीख मांगना अपराध नहीं माना जाता है, किन्तु दुनिया भर में ऐसे कई देश हैं जहां ऐसे कानून हैं जो भीख मांगने पर प्रतिबन्ध लगाते हैं. ऑस्ट्रेलिया के सभी राज्यों में भीख मांगने के संबंध में अलग-अलग कानून है. चीन में भीख मांगना गैरकानूनी है. डेनमार्क में भीख मांगना स्थानीय दंड संहिता की धारा 197 के मुताबिक गैरकानूनी है. यूनाइटेड किंगडम में भीख मांगना 1824 में बने एक एक्ट के अनुसार गैरकानूनी है.
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