अलीगढ़: मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने चुनाव आयोग को पत्र लिखते हुए उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में 22 और 23 जनवरी को होने वाली 'धर्म संसद' पर रोक लगाने की मांग की है. जमीयत उलेमा-ए-हिंद का कहना है कि इस आयोजन का उद्देश्य चुनावों के पहले सांप्रदायिक आरोप-प्रत्यारोप को हवा देकर जनता के चर्चा में लाना है. लिहाजा इस पर वक़्त रहते रोक लगा दी जानी चाहिए.
जमीयत ने अपने पत्र में यह भी लिखा गया है कि विधानसभा चुनावों के दौरान इस तरह के नफरत फ़ैलाने वाले आयोजनों पर रोक लगाई जानी चाहिए. उल्लेखनीय है कि सनातन हिंदू सेवा संस्थान ने आगामी 22-23 जनवरी को अलीगढ़ के नौरंगाबाद स्थित सनातन भवन में 'सनातन धर्म संसद' का आयोजन करने की घोषणा की है.
सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान भी अलीगढ़ में धर्म संसद के आयोजन पर रोक लगाने की मांग उठाई गई थी. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पेशे से वकील कपिल सिब्बल द्वारा उठाए गए इस मामले पर शीर्ष अदालत ने कहा था कि स्थानीय प्रशासन के सामने आप इस बाबत अपनी बात रखें. कोर्ट राज्य सरकार का दस दिनों बाद जवाब मिलने पर ही इस मामले में सुनवाई करेगी.
भारत की कोशिशों को झटका, अमेरिका से भागकर पाकिस्तान पहुंचा दाऊद इब्राहिम का भतीजा सोहैल
ऑस्ट्रेलिया की प्रतिष्ठित पक्षी प्रजाति विलुप्त होने की कगार पर : रिपोर्ट
NDTV के इस वरिष्ठ पत्रकार का हार्ट अटैक से निधन