सामाजिक बदलाव हैं यौन अपराध रोकने का उपाय
सामाजिक बदलाव हैं यौन अपराध रोकने का उपाय
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नई दिल्ली : मुस्लिम संगठन जमात-ए-इस्लामी हिंद ने यौन अपराधों को रोकने के लिए किसी कड़े कानून की बजाय सामाजिक बदलाव और चरित्र निर्माण को इसका सटिक असरकारक करार दिया है। संगठन के पदाधिकारियों और सदस्यों का कहना रहा कि इस तरह के अपराध रोकने के लिए शराब का सेवन रोकना होगा। पूरे देश में शराब के सेवन पर रोक लगाए जाने की मांग भी उन्होंने की। जमात - ए - इस्लामी द्वारा बालअपराध को लेकर यह मांग की कि जुवेनाईल अपराधों की उम्र सीमा कम करना चाहिए। मुस्लिम संस्था द्वारा कहा गया कि सरकार को जुवेनाईल अपराधों को रोकना होगा।

इसके लिए किसी कड़े कानून के स्थान पर सामाजिक बदलाव लाना अधिक कारगर है। इन अपराधों को सामाजिक समस्या के तौर पर देखा जाना चाहिए। इस्लामिक संगठन द्वारा कहा गया कि शराब पर प्रतिबंध लगाने से कम आयु में लोगों को बिगड़ने से बचाया जा सकता है। इससे सेक्सुअल अपराधों पर लगाम भी कसी जा सकेगी।

जमात-ए-इस्लामी हिंद के प्रजिडेंट सैयद जलालुद्दीन उमरी द्वारा कहा गया कि 22 दिसंबर को राज्यसभा में जूवेनाईल जस्टिस बिल को स्वीकृति दी गई। हालांकि जमात-ए-इस्लामी द्वारा इस कानून के तहत जुवनेनाईल अपराध का दायरा 16 वर्ष की आयु सीमा तक करने की बात पर असहमति जताई गई।

संगठन के सैयद जलालुद्दीन उमरी का कहना था कि जुवेनाईल के लिए आयु सीमा को 16 वर्ष नहीं किया जाना चाहिए। इस तरह के कानून का स्वागत है लेकिन इस प्रकार के अपराधों को रोकने के लिए सख्त सज़ा का प्रावधान ही केवल एक उपाय नहीं है। इस दिशा में सुधारात्मक कदम उठाए जाने चाहिए। 

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