पढ़े जैन मुनि तरुण सागर महाराज के सबसे विवादित और कड़वे वचन
पढ़े जैन मुनि तरुण सागर महाराज के सबसे विवादित और कड़वे वचन
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नई दिल्ली. जैन धर्म के राष्ट्र संत तरुण सागर जी महाराज पिछले 20 दिनों से पीलिया से ग्रसित थे जिसके बाद शनिवार सुबह उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए. सूत्रों की माने तो तरुण सागर का निधन शनिवार तड़के सुबह करीब 3 बजे हुआ. बीमारी के चलते तरुण सागर को दो दिन पहले दिल्ली के मैक्स अस्पताल में भर्ती किया गया था. तरुण सागर जी की हालत ज्यादा गंभीर थी जिसके कारण डॉक्टर्स ने उन्हें कस्टडी में रखा था. आपको बता दें तरुण सागर का असली नाम पवन कुमार जैन था. तरुण सागर अपने कड़वे और विवादित प्रवचन के कारण मशहूर थे. उन्होंने एक किताब भी लिखी थी जिसके बाद लोगों ने उन्हें क्रांतिकारी संत कहना शुरू कर दिया था. तरुण सागर ने अपनी किताब में और प्रवचन दोनों में ही कड़वी भाषा का इस्तेमाल किया था. हम आपको तरुण सागर के कुछ ऐसे प्रवचन के बारे में बता रहे हैं जिसके कारण वो विवादों के घेरे में रहे हैं-

-राजनीति को हम धर्म से ही कंट्रोल कर सकते हैं। धर्म पति है, राजनीति पत्नी. हर पति की ये ड्यूटी होती है कि वो अपनी पत्नी को सुरक्षा दे, हर पत्नी का धर्म होता है कि वो पति के अनुशासन को स्वीकार करे, ऐसा ही राजनीति और धर्म के भी साथ होना चाहिए क्योंकि बिना अंकुश के हर कोई खुले हाथी की तरह हो जाता है.

-हंसने का यह गुण केवल मनुष्यों को मिला है इसलिए जब भी मौका मिले मुस्कुराइये, कुत्ता चाहकर भी मुस्कुरा नहीं सकता.

-जिनकी बेटी ना हो उन्हें चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं मिलना चाहिए और जिस घर में बेटी ना हो वहां शादी करनी ही नहीं चाहिए और जिस घर में बेटी ना हो उस घर से साधु-संत भिक्षा ना लें.

-परिवार में आप किसी को बदल नहीं सकते हैं लेकिन आप अपने आप को बदल सकते हैं, खुद पर आपका पूरा अधिकार है.

-पूरी दुनिया को आप चमड़े से ढ़क नहीं सकते हैं लेकिन आप अगर चमड़े के जूते पहनकर चलेंगे तो दुनिया आपके जूतों से ढ़क जायेगी, यही जीवन का सार है.

-इंसानों को आप दिल से जीतो तभी आप सफल हैं. तलवार के बल पर जीत तो हासिल किया जा सकता है लेकिन प्यार नहीं.

-अगर तुम्हारे कारण कोई इ्ंसान दुखी रहे तो समझ लो ये तुम्हारे लिए सबसे बड़ा पाप है, ऐसे काम करो कि लोग तुम्हारे जाने के बाद दुखी होकर आसूं बहाएं तभी पुण्य की प्राप्ति होगी.

-गुलाब से लोग क्यों प्रेम करते हैं? क्योंकि गुलाब कांटों के बीच में भी हंसता है. लोगों से आह्वान करते हुए वह कहते हैं कि तुम भी ऐसे काम करो कि तुमसे नफरत करने वाले लोग भी तुमसे प्रेम करने पर विवश हो जायें.

-अपने अंदर इंसान को सहनशक्ति पैदा करनी चाहिए क्योंकि जो सहता है वो ही रहता है, जो नहीं सहता वो टूट जाता है.

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