न धन से, न ही धमकी से.
न दिल से न दिमाग से.
ये प्यार तो इतेफाक से मिलता है.
लेकिन प्यार के बदले प्यार मिले.
ये इतेफाक किसी किसी के साथ होता है.
आखो को जब किसी से चाहत हो जाती है.
उसे देख कर दिल को राहत हो जाती है.
कैसे भूल सकता है कोई किसी को.
कब कोई किसी की आदद का मोहताज हो जाता है.