ऋतिक के नाना आखिर 'ए' अक्षर से ही क्यों रखते थे फिल्म का नाम ?
ऋतिक के नाना आखिर 'ए' अक्षर से ही क्यों रखते थे फिल्म का नाम ?
Share:

हाल ही में बॉलीवुड के सफल फिल्ममेकर जे ओमप्रकाश ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है. वहीं अब उनसे जुड़ी कई तरह की बातें भी सामने आ रही है. उन्होंने बॉलीवुड को आई सफल फ़िल्में दी है, जिनमे 'आए दिन बहार के', 'आया सावन झूम के','आन मिलो सजना', 'आँखों आँखों में', 'आप की कसम', ''आक्रमण', 'अपनापन', 'आशिक़ हूँ बहारों का' जैसी कई सफल फ़िल्में शामिल है. उनके फिल्मों का नाम 'ए' अक्षर से शुरू होता था, लेकिन ऐसा क्यों ? आइए जानते है इसके बारे में...

'ए' अक्षर से ही बनाते थे फिल्में...

जे ओमप्रकाश की फ़िल्मों की एक सबसे बड़ी विशेषता यह है कि वे अपनी सभी फ़िल्मों के नाम 'ए' अक्षर से ही रखते थे. बता दें असल में अपनी पहली दोनों फ़िल्में 'आस का पंछी' और 'आई मिलन की बेला' की सक्सेस के बाद उन्हें यह लगा कि 'ए' अक्षर उनके लिए काफी लकी है और तबसे उन्होंने 'ए' को पूरी तरह से अपना लिया था .

बता दें कि इसके बाद जे ओमप्रकाश द्वारा जो भी फिल्में बनाईं मसलन 'आए दिन बहार के', 'आया सावन झूम के','आन मिलो सजना', 'आँखों आँखों में', 'आप की कसम', ''आक्रमण', 'अपनापन', 'आशिक़ हूँ बहारों का', 'आशा', 'आस पास', 'अपना बना लो', 'अर्पण', 'आखिर क्यों', 'आप के साथ' और 'आदमी खिलौना है' आदि सभी के नाम 'ए' अक्षर से ही शुरू होते हैं. इतना ही नहीं मोहन कुमार द्वारा भी अपने दोस्त जे ओमप्रकाश को फ़ॉलो करते हुए अपनी लगभग सभी फ़िल्मों को 'ए' अक्षर के नाम से बनाया जाने लगा.

Collection : ऐसी हुई 'जबरिया जोड़ी' की ओपनिंग, पहले दिन कमाए इतने

Saaho : कुछ पल का और करना होगा इन्तजार, इस समय आएगा ट्रेलर

वेंटिलेटर पर है मशहूर एक्ट्रेस विद्या, कई दिग्गजों संग कर चुकी हैं काम

सोशल मीडिया छोड़ रहे जॉन अब्राहम, कही ये बात

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -