मतदान के दिन मतदान केन्द्र के आसपास वोट मांगना होगा अपराध
मतदान के दिन मतदान केन्द्र के आसपास वोट मांगना होगा अपराध
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नरसिंहपुर: ( संदीप राजपूत की रिपोर्ट)-  नगरीय निकाय आम निर्वाचन- 2022 के तारतम्य में स्पष्ट किया गया है कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत निर्वाचन संबंधी अपराधों के बारे में भारतीय दंड संहिता के अध्याय 9 के अनुसार जो व्यक्ति इन भ्रष्ट आचरण तथा निर्वाचन अपराधों का दोषी पाया जाता है, विधि के अनुसार उसे इस अधिनियम की विभिन्न धाराओं के प्रावधानों के तहत सजा या जुर्माने से या दोनों से दंडित किया जा सकता है।

मतदान दिवस पर मतदान केन्द्र से 100 मीटर के दायरे के भीतर किसी सार्वजनिक या निजी जगह में वोट के लिए प्रचार करना, वोट के लिए याचना करना, किसी खास उम्मीदवार को वोट नहीं देने के लिए मतदाता को प्रेरित करना, सरकारी चिन्हों के अलावा चुनाव से संबंधित कोई चिन्ह या नोटिस प्रदर्शित करने पर धारा 130 के तहत रोक रहेगी। यह रोक मतदान केन्द्रों में या उनके निकट के नियत दायरे में प्रभावशील होगी। यह संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आयेगा। इस अपराध के दोषी को 250 रूपये तक के जुर्माने से दंडित करने का प्रावधान है।

मतदान केन्द्रों में या उनके निकट विच्छृंखल आचरण पर लगेगा जुर्माना: मतदान के समय मतदान केन्द्र के अंदर या उसके भीतर जाने के लिए बने दरवाजे या उसके करीब किसी आम या निजी जगह में लाउड स्पीकर बगैरह का इस्तेमाल करने या किसी दूसरे प्रकार से बेहूदा बर्ताव करने या प्रेरित करने पर धारा 131 के तहत 3 वर्ष के कारावास या जुर्माने से दंडित करने का प्रावधान है। यह संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है। लेकिन यदि किसी पुलिस अधिकारी को किसी मतदान केन्द्र के पीठासीन अधिकारी द्वारा किसी व्यक्ति को इस जुर्म के लिए गिरफ्तार करने का आदेश दिया जायेगा, तो उस व्यक्ति को गिरफ्तार करना जरूरी होगा।

किसी पुलिस अधिकारी को यह अधिकार है कि वह मतदान के समय मतदान केन्द्र में या उसके करीब इस धारा के उल्लंघन को रोकने के लिए जरूरी कदम उठा सकता है और जरूरी बल प्रयोग कर सकता है। साथ ही अपनी मर्जी से उपयोग में लाये जाने वाले लाउडस्पीकर को जप्त भी कर सकता है।

मतदान केन्द्र के अवचार के लिए मिलेगा दंड: जो कोई व्यक्ति किसी मतदान केन्द्र में मतदान के लिए नियत घंटों के दौरान स्वयं अवचार करता है या पीठासीन अधिकारी के विधिपूर्ण निर्देशों का पालन नहीं करता है, उसे पीठासीन अधिकारी या ड्यूटी पर तैनात कोई पुलिस अफसर या पीठासीन अधिकारी द्वारा इस कार्य के लिए प्राधिकृत कोई व्यक्ति मतदान केन्द्र से हटा सकेगा। ये शक्तियां ऐसे प्रयुक्त नहीं की जायेंगी, जिससे कोई ऐसा मतदाता, जो मतदान केन्द्र में मत देने के लिए अन्यथा हकदार है, उस केन्द्र में मतदान करने का अवसर पाने से निवारित हो जाये। इस संबंध में धारा 132 में प्रावधान किया गया है। यदि कोई व्यक्ति जो मतदान केन्द्र से ऐसे हटा दिया गया है, पीठासीन अधिकारी की अनुज्ञा के बिना मतदान केन्द्र में पुन: प्रवेश करेगा, तो वह तीन माह तक के कारावास या जुर्माने से या दोनों से दंडनीय होगा। यह अपराध संज्ञेय है। 
      
अवैधानिक रूप से वाहनों का परिवहन करना दंडनीय: चुनाव के लिए किराये पर अथवा अन्य तरीके से किसी प्रत्याशी अथवा उसके एजेंट अथवा अन्य व्यक्ति द्वारा प्रत्याशी की सहमति से मतदाताओं को मतदान केन्द्र तक लाने अथवा उसे निकट सीमा तक लाने- जे जाने के लिए किसी प्रकार के परिवहन, किसी प्रकार के किराये के प्रायवेट वाहन या साधन की व्यवस्था करना भ्रष्ट आचरण माना जायेगा। इस संबंध में धारा 133 के तहत तीन माह के कारावास एवं जुर्माने से दंडित करने का प्रावधान किया गया है। यह अपराध असंज्ञेय है।

मतदान केन्द्र के पास घातक हथियार लेकर चलने पर होगा दो साल का कारावास: चुनाव ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों के अलावा अन्य कोई भी व्यक्ति मतदान के दिन मतदान केन्द्र के पास आम्र्स एक्ट के अंतर्गत घातक हथियारों की श्रेणी में आने वाले हथियार लेकर भ्रमण नहीं कर सकेगा। ऐसा करना धारा 134- ख के तहत असंज्ञेय अपराध माना जायेगा। ऐसा करने पर दो वर्ष के कारावास या जुर्माने का प्रावधान है।

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