इंदौर : मध्यप्रदेश के इंदौर के होलकर स्टेडियम में भारत और न्यूज़ीलैंड के खिलाफ खेल गया तीसरा और आखिर टेस्ट टीम इंडिया ने 321 रन से जीतकर देशवासियो को दशहरे का शानदार तोहफा दिया. वही यह टेस्ट मैच इंदौर ही नही बल्कि मध्यप्रदेश के क्रिकेट इतिहास में पहला अंतराष्ट्रीय टेस्ट था जिसे भारत ने जीत के साथ यादगार बना दिया. अभी तक यह मैदान चार एकदिवसीय मैचों की मेजबानी कर चूका है जिसमे भारतीय टीम को सभी में जीत मिली. इस बार जब होलकर स्टेडियम को अपने पहले टेस्ट की मेजबानी करने का सौभाग्य मिला तो यहां कीर्तिमानों की झड़ी लग गई. इस मैच की पहल पारी में इंडिया के कप्तान विराट कोहली का दोहरा शतक और फिर मेहमान टीम को चौथे ही दिन 321 रन के बड़े अंतर से हराकर सीरीज में क्लीन स्वीप किया. यहां टीम इंडिया के प्रदर्शन से एक बात तो साबित हो गई कि इस मैदान में भारत को हराना मुश्किल है. क्योकि जब भी इस मैदान में टीम इंडिया के बल्लेबाज उतरते है तो उनके बल्ले आग उगलते है. भारत ने सीरीज का आखिरी टेस्ट जीतकर न्यूज़ीलैंड का 3 - 0 से सफाया किया.
इस मैच में जहा भारतीय कप्तान विराट कोहली ने दोहरा शतक बनाया वही ऑफ स्पिनर रविचंद्रन आश्विन ने न्यूजीलैंड के बल्लेवाजों पर बहुत कहर बरसाया. आश्विन ने 7 विकेट झटक कर न्यूजीलैंड को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया. आखिरी विकेट के लिए जद्दोजहद कर रहे वाटलिंग और बोल्ट ने डंटकर भारतीय बल्लेवाजों का सामना किया लेकिन आश्विन के सामने वह भी ज्यादा देर नहीं टिक सके और आखिरकार आश्विन ने अपना 7वाँ विकेट ले कर विरोधी टीम को पवेलियन लौटने पर मजबूर कर दिया. चौथे दिन के खेल की शुरुआत में भारत ने 216 रन पर अपने 3 विकेट के नुकसान पर पारी को घोषित कर दी थी.
चेतेश्वर पुजारा ने भारत के लिए 101 रनों की अविजित पारी खेली, भारतीय ओपनर गौतम गंभीर ने भी अर्धशतक जमाया. ये चेतेश्वर पुजारा का आठवां शतक था जो उन्होंने चौके के साथ पूरा किया और उनके शतक बनाते ही भारत ने अपनी पारी को घोषित कर दी . 475 रन के लक्ष्य का पीछे करने उतरी विरोधी टीम कुछ ख़ास प्रदर्शन नहीं कर पायी और देखते ही देखते सारे बल्लेबाज ताश के पत्तो की तरह बिखरते चले गए. आश्विन की धारदार गेंदवाजी के आगे विरोधियों का टिकना नामुमकिन हो गया और भारतीय टीम ने तीसरे और अंतिम टेस्ट मैच के चौथे ही दिन खेल प्रेमियों को दशहरे का शानदार तोहफा दिया.