नई दिल्ली : कुछ दिनों पहले मुंबई के अस्पताल में लगी आग की घटना से सीख़ लेते हुए दक्षिणी दिल्ली निगम क्षेत्र ने निगम क्षेत्र के दायरे में संचालित होने वाले तमाम रेस्तरां पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। आग से बचाव के लिए फायर संबंधी एनओसी न लेने और नियमों की अनदेखी करने वाले रेस्तरां पर कभी भी गाज गिर सकती है। एमसीडी की टीम ऐसे रेस्तरां का औचक निरीक्षण करेगी, ताकि अवैध तौर पर संचालित होने वाली गतिविधियों को रोका जा सके। इससे रेस्तरां में पहुंचने वाले परिवारों को आग से सुरक्षा भी उपलब्ध होंगी।
हादसे का ख़तरा रहता है
गौरतलब है रेस्तरां या होटल के संचालन के लिए निगम की अनुमति आवश्यक होती है। लेकिन 50 से अधिक लोगों के बैठने की जगह के लिए रेस्तरां के लिए फायर एनओसी भी जरूरी है। स्थायी समिति के सदस्यों ने आरोप लगाते हुए कहा कि कई ऐसे रेस्तरां हैं, जहां 20 सीट की बजाय 60-80 लोग रेस्तरां में रोजाना पहुंचते हैं। लेकिन अग्निशमन के न तो पर्याप्त इंतजाम होते हैं और न ही इसके लिए एनओसी लिए जा रहे हैं। इससे रेस्तरां और होटलों में कभी भी हादसे होने का खतरा बरकरार है।
जानकारी के मुताबिक स्थायी समिति की बैठक में जब इस मुद्दे को उठाया गया तो कहा गया कि रेस्तरां में नियत संख्या से अधिक लोगों की मौजूदगी के बावजूद फयर के लिए एनओसी नहीं लिए जाते हैं। मुंबई में हुई घटना का हवाला देते हुए बताया गया कि अगर ऐसे रेस्तरां या वाणिज्यिक परिसर में आग लग जाए तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
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