आज आजादी को पुरे 71 साल बीत चुके है, इन 71 सालों में बहुत कुछ बदला है, लोगों की सोच, टेक्नोलॉजी, शहरी लोगों का काफी विकास हुआ है, लेकिन जिस देश को कृषि प्रधान देश कहा जाता है, जिस देश की पहचान ही गाँवों से होती है, उस देश में आज भी कई ऐसी जगह है जहाँ आदमीं जानवरों सी ज़िंदगी काटने को मजबूर है, खबर है छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के पटना गाँव की, यहाँ के हालात देखकर इंसानियत भी शर्मसार हो जाती है लेकिन प्रशासन और और सरकारों के कानों में जूँ तक नहीं रेंगती.
इस गाँव के लोगों को पानी की समस्या के कारण पिने का पानी भी नदी के किनारे जाकर लेना पड़ता है, गर्मी के दिनों में नदी का जलस्तर गिर जाने के कारण लोग नदी के किनारे एक गड्डा खोदकर पानी पीते है और वहीं अपने जानवरों को भी पानी पिलाते है. हालात ये है कि बारिश के दिनों में लोगों को साफ पानी तक नहीं मिलता जिसके कारण कई लोगों को बिमारियों का सामना करना पड़ता है.
गाँव वालो के अनुसार गाँव में हैंडपंप है लेकिन उसमें भी बहुत गन्दा पानी आता है, ऐसे में कुल मिलाकर गाँव वालो के सामने सिर्फ नदी ही एक ऑप्शन बचता है जहाँ से वो अपनी प्यास बुझा सकते है. इलाके के सांसद, विधायक को इस बात की भनक तक नहीं है. बलरामपुर के जनपद पंचायत के सीईओ समुद्र साय और एसडीएम बी कुजूर इस बारे में अपने दफ्तर में बैठे उस खबर का इंतजार कर रहे है जहाँ उन्हें पता चले कि गाँव में पानी नहीं है. इन अधिकारीयों के अनुसार उन्हें जैसे ही इस बात की खबर मिलती है वो इसका निदान करेंगे.
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