देखिये इसरो की नेविगेशन सैटेलाइट की लांचिंग का वीडियो
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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने गुरुवार को अपना नेविगेशन सैटेलाइट (IRNSS-1I) सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया. सैटेलाइट को पीएसएलवी-सी41 रॉकेट के जरिये आंध्र के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से सुबह गुरुवार सुबह 4.04 बजे लॉन्च किया गया. कम्युनिकेशन सैटेलाइट जीसैट-6ए की नाकामी के बाद इसरो ने ये सैटेलाइट की लॉन्चिंग की है. IRNSS-1I 'मेक इन इंडिया' प्रोजेक्ट के तहत स्वदेशी तकनीक से निर्मित नेविगेशन सैटेलाइट है. 

IRNSS-1I की खासियत:-

IRNSS-1I सेना के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगा. क्योंकि, इससे सेना को नेविगेशन में मदद मिलेगी.

ये सैटेलाइट भारतीय नैविगेशन मैप सिस्टम (NavIC) की ताकत बढ़ाएगा. अभी तक इस कैटेगरी में IRNSS-1A, IRNSS-1B, IRNSS-1C, IRNSS-1D, IRNSS-1E, IRNSS-1D, IRNSS-1F, IRNSS-1G और IRNSS-1H सैटेलाइट छोड़े गए हैं. इनमें से IRNSS-1H फेल रहा.

IRNSS-1I मैप तैयार करने, समय का बिल्कुल सही पता लगाने, नेविगेशन की पूरी जानकारी, समुद्री नेविगेशन के अलावा सैन्य क्षेत्र में भी मदद करेगी.

 IRNSS-1I स्वदेशी तकनीक पर आधारित है. इसका मुख्य उद्देश्य देश और उसकी सीमा से 1500 किलोमीटर की दूरी के हिस्से में इसकी उपयोगकर्ता को सही जानकारी देना है.

इसमें L5 और S-band नेविगेशन पेलोड के साथ रुबेडियम अटॉमिक क्लॉक्स होंगी. यह इसरो की आईआरएनएसएस परियोजना की 9वीं सैटलाइट है

गौरतलब है कि इसरो ने 29 मार्च को कम्युनिकेशन सैटेलाइट जीसैटR-6ए को लॉन्‍च किया था. हालांकि इससे इसरो का संपर्क टूट गया है. इसरो की ओर से सैटेलाइट से संपर्क साधने की कोशिश जारी है. सैटेलाइट से संपर्क टूटने पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केन्द्र (इसरो) का कहना था कि जीसैटR-6ए उपग्रह के साथ उनका संपर्क टूट गया है और उसके साथ संपर्क फिर से स्थापित करने की कोशिश की जा रही है. 

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