भारत सरकारी शाखा श्रम मंत्रालय ने छह करोड़ EPF Subscribers को तीन माह के बेसिक वेतन और महंगाई भत्ता के बराबर धनराशि पीएफ खाते से निकालने की अनुमति दे दी है. COVID-19 के खिलाफ लड़ाई के लिए लागू किए गए लॉकडाउन को देखते हुए ये फैसला किया गया है. श्रम मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक मंत्रालय ने कर्मचारी भविष्य निधि योजना 1952 में संशोधन से जुड़ी अधिसूचना 28 मार्च को जारी कर दी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले सप्ताह इस फैसले का ऐलान किया था. उन्होंने इसके साथ ही कोरोनावायरस से मुकाबले के लिए कई और राहत भरे उपायों की घोषणा की थी.
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इस मामले को लेकर मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक कर्मचारी अपने तीन माह का मूल वेतन और महंगाई भत्ता या उनके पीएफ खाते में जमा कुल राशि के 75 फीसद में से जो कम हो, उसे निकाल सकते हैं. इस राशि को लोगों को अपने पीएफ खाते में जमा कराने की जरूरत नहीं होगी.
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दुनियाभर में संक्रमण की वजह से COVID-19 महामारी घोषित हो चुकी है. ऐसे में देश की विभिन्न कंपनियों एवं कारखानों के कर्मचारी इस नॉन-रिफंडेबल एडवांस का फायदा उठा सकते हैं. इसके लिए EPF scheme, 1952 में पैरा 68 (L) के नीचे सब-पैरा (3) जोड़ा गया है. संशोधित कर्मचारी भविष्य निधि (संशोधन) योजना, 2020 इस महीने की 28 तारीख से अमल में आ गया है. इस अधिसूचना के बाद Employees' Provident Fund Organisation (EPFO) ने अपने सभी फील्ड ऑफिसेज को किसी सदस्य की ओर से निकासी का आवेदन मिलने पर जल्द प्रोसेस करने का निर्देश दिया है. मौजूदा हालातों को देखते यह निर्देश दिए गए हैं.
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