भारतीय रेलवे द्वारा आइसोलेशन कोच तैयार किए गए हैं. ताकि कोरोना वायरस जैसी महामारी से लड़ने में मदद मिल सके. रोगियों के लिए बोगियों को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील करने के लिए मध्य बर्थ को एक तरफ से हटा दिया गया है. वहीं, रोगी के सामने से तीनों बर्थ हटा दिए गए हैं. साथ ही बर्थ पर चढ़ने के लिए सभी सीढ़ी हटा दी गई हैं. आइसोलेशन कोच को तैयार करने के लिए बाथरूम, गलियारे क्षेत्रों और अन्य क्षेत्रों को भी संशोधित किया गया है. बता दें कि भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 873 पहुंच गया है.
तमिलनाडु : राज्य में कोरोना वायरस का नया आंकड़ा आया सामने
इस मामले को लेकर उत्तर रेलवे के प्रवक्ता दीपक कुमार ने बताया, 'रेलवे ने गैर-वातानुकूलित ट्रेन के डिब्बों को परिवर्तित करके कोरोनो वायरस रोगियों के इलाज के लिए एक आइसोलेशन वार्ड का प्रोटोटाइप तैयार किया है. अगले कुछ दिनों में कुछ सुझावों को अंतिम रूप दिए जाने के बाद प्रत्येक रेलवे ज़ोन हर हफ्ते 10 डिब्बों के साथ एक रैक का निर्माण करेगा. फिर हम इन्हें ग्रामीण इलाकों या जिन भी क्षेत्रों को कोचों की जरूरत होगी, वहां उपलब्ध कराएंगे.'
कोरोना वायरस : कोरोना का घर बनता जा रहा केरल का यह जिला
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि चीन, इटली और अमेरिका के हालात देखकर भारत समेत सभी देश कोरोना वायरस के मद्देनजर युद्ध स्तर पर तैयारियां कर रहे हैं. कुछ नहीं कहा जा सकता कि कब स्थिति हाथ से निकल जाएगी. ऐसे में सरकारें खराब से खराब स्थिति के लिए भी तैयारी कर रही है. यही वजह है कि मोदी सरकार को रेलवे के कोच को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील करने की जरूरत महसूस हुई. हालांकि, भारत में अभी कोरोना वायरस की रफ्तार काफी धीमी है. इसकी एक वजह सरकार द्वारा समय पर उठाए गए कड़े कदम हैं, जिनमें से एक देशभर में लॉकडाउन लगाना भी शामिल है.
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा श्रमिकों के पलायन का मुद्दा, भोजन और आश्रय देने की मांग वाली याचिका दाखिल
टोल ऑपरेटर्स को मिला बड़ा निर्देश, न जाए कोई प्रवासी मजदूर भूखा
कोरोना के खौफ के चलते इन बाइक्स के लांच के लिए करना होगा लम्बा इंतजार