आईएसआई के पूर्व चीफ ने स्वीकारा  हुर्रियत का गठन
आईएसआई के पूर्व चीफ ने स्वीकारा हुर्रियत का गठन
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देश : पिछले दिनों पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ ने मुंबई हमले में पाकिस्तान की भूमिका को स्वीकारा था. इसके बाद अब पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के पूर्व प्रमुख मोहम्मद असद दुर्रानी ने यह स्वीकार किया इंटर सर्विसेज़ इंटेलिजेंस (आईएसआई) ने ही घाटी में हुर्रियत की स्थापना की थी.

बता दें कि असद दुर्रानी 1990 से 92 के बीच आईएसआई के प्रमुख थे. उन दिनों कश्मीर घाटी में हथियारबंद अलगाववादियों ने जमकर उत्पात मचाया था. दुर्रानी ने कुबूला है कि तहरीक अर्थात आंदोलन को एक राजनीतिक दिशा देने के लिए हुर्रियत का गठन एक अच्छा विचार था. हुर्रियत के गठन का श्रेय लेने वाले दुर्रानी ने इसे खुली छूट देने पर अफ़सोस भी जाहिर किया है.

उल्लेखनीय है कि खुफिया एजेंसियों और उनके कारनामों पर आधारित किताब 'स्पॉय क्रॉनिकल्स रॉ , आईएसआई एन्ड द इलूशन ऑफ़ पीस ' में दुर्रानी और दुल्लत के बीच कश्मीर, हुर्रियत, अफगानिस्तान, ओसामा बिन लादेन, परवेज मुशर्रफ, अजित डोभाल, अटल बिहारी वाजपेयी, परवेज मुशर्रफ और वाजपेयी के बीच हुई आगरा वार्ता और नरेंद्र मोदी से हुई बातचीत का उल्लेख किया गया है.  लम्बी बातचीत में दुर्रानी ने बताया  कि आईएसआई ने कैसे हुर्रियत का गठन किया और कश्मीर में अलगाववादी आंदोलन के आरम्भ में उसकी मदद की. उन्हें यह अंदाजा नहीं था कि यह आंदोलन इतना आगे निकल जाएगा.

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