हिंदू पंचांग में ज्येष्ठ मास बहुत ही महत्वपूर्ण है. दरअसल यह पंचांग का तीसरा माह है और इस माह में कीर्तन, भजन और ईश्वर की दर्शन यात्रा बड़े पैमाने पर की जाती है. यह मास इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी मास में भगवान श्री राम अपने भक्त और रूद्रावतार श्री हनुमान जी से पहली बार मिले थे. इस स्मृति में इस मास में भगवान हनुमान और भगवान श्री राम जी की भक्ति बड़े पैमाने पर की जाती है. भगवान श्री हनुमान को याद कर श्रद्धालु श्री राम का नाम भी लेते हैं। ज्योतिषाचार्य पं. रामकृष्ण डी तिवारी ने कहा कि ज्येष्ठ मास को मित्रता के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
ज्येष्ठ मास के प्रथम दिन भगवान को श्री हनुमानजी का श्रीराम से भेंट करना बेहद महत्वपूर्ण माना गया है. माना जाता है कि यदि इस माह में भगवान श्री हनुमान का पूजन किया जाए तो यह पुण्यदायी होता है.
ज्येष्ठ के पहले मंगलवार को भगवान सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेगा. ऐसे में भगवान री हनुमान जी की आराधना बेहद महत्वपूर्ण हो जाएगी. दीरअसल यह नक्षत्र श्री हनुमान जी का प्रिय नक्षत्र है. इस मास को उत्तरप्रदेश में विशेषतौर पर मनाया जाता है।