इन दिनों विश्वभर से हादसों की खबरें ही सामने आती हैं। कहीं भगदड़ में लोग मारे जा रहे हैं तो कहीं यात्री बस ही खदान में गिर जाती है तो कहीं विनाशकारी बाढ़ और भूकंप लोगों को लील लेते हैं। विश्व पर आतंकवाद का खतरा मंडरा ही रहा है। जिस पर कथित तौर पर पाकिस्तान की ओर से भारत को परमाणु हमले की धमकी दे दी जाती है। आखिर यह सब क्या है। क्या धरती पर बसा हुआ मानव अपने विनाश की ओर बढ़ रहा है।
हथियारों की होड़ है कि थमने का नाम नहीं ले रही है। हर ओर बंदूकों, बमों, विमानों और अस्त्र शस्त्रों की खरीदी होती है। इतना ही नहीं प्रति वर्ष महामारियों और प्राकृति हादसों में लोग काल के गाल में समा जातो हैं। आखिर इसके क्या कारण हैं। क्या महाविनाश का समय अब करीब है। क्या मानव ने सभी हदें पूरी कर ली हैं। लगता तो ऐसा ही है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी तरह के कुछ संकेत मिल रहे हैं।
मानव धरती पर इस तरह से जीवन जी रहा है जिससे कलयुग का अंत नज़दीक लगता है। विभिन्न धार्मिक मान्यताओं में यही वर्णित है कि धरती पर कलयुग का अंत नज़दीक है। विश्व में विभिन्न घटनाओं को लेकर ऐसे संकेत मिल रहे हैं जिससे यह लगता है कि कलयुग का अंत नज़दीक है।
मानव का आविष्कार भी उसके लिए अभिशाप बन सकता है इस बात की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है। ऐसे में लोगों को धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ईश्वरीय प्रेरणा लेने और ईश्वरीय ध्यान की अनुभूति करने की सलाह दी जाती है। इतना ही नहीं इन मान्यताओं में कहा गया है कि केवल भगवान का नाम स्मरण मात्र ही मानव को भवसागर से तार सकता है।