क्या हिन्दू होना गुनाह है ? अब इस्लामी कट्टरपंथियों के निशाने पर आए क्रिकेटर लिटन दास
क्या हिन्दू होना गुनाह है ? अब इस्लामी कट्टरपंथियों के निशाने पर आए क्रिकेटर लिटन दास
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ढाका: बांग्लादेश में इस्लामिक कट्टरता लगातार बढ़ती ही जा रही है। पहले बांग्लादेश में हिंदू देवी-देवताओं के मंदिरों में तोड़फोड़ की गई थी। अब उन्हें धर्म बदलकर मुस्लिम बनने के लिए मजबूर किया जा रहा है। इसका अनुमान आप इस बात से लगा सकते हैं कि, बांग्लादेश के क्रिकेटर लिटन दास (Litton Das) तक को कट्टरपंथी निशाना बनाने से नहीं चूक रहे हैं, तो वहां की आम जनता का क्या ही होता होगा।  

दरअसल, बांग्लादेश के हिन्दू क्रिकेटर लिटन दास ने दुर्गा पूजा (Durga Pooja) को लेकर सोशल मीडिया पर बधाई क्या दी, इस्लामी कट्टरपंथी उन्हें सच्चे मजहब का ज्ञान देते हुए इस्लाम कबूल करने के लिए कहने लगे। दरअसल, नवरात्र के पहले महालया के अवसर पर क्रिकेटर लिटन दास ने इंस्टाग्राम पोस्ट कर दुर्गा पूजा की बधाई दी थी। उसके बाद लिटन दास इस्लामी कट्टरपंथियों के निशाने पर आ गए। वे क्रिकेटर की हिंदू धार्मिक मान्यताओं पर बेतुके से कमेंट करने लगे और उन्हें मुस्लिम बनने के लिए कहने लगे। कट्टरपंथियों ने लिटन दास की पोस्ट पर जमकर अनाप-शनाप बातें लिखी हैं।  इसके साथ ही कट्टरपंथियों ने हिन्दू धर्म का भी जमकर मज़ाक उड़ाया। 

बता दें कि, लिटन दास ने फेसबुक पोस्ट में देवी दुर्गा की एक मूर्ति की तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा था कि, 'सुभो महालय! मां दुर्गा आ रही हैं।' इसके फौरन बाद, कट्टरपंथी उनकी टाइमलाइन पर उतर आए और लिटन दास को हिंदू धर्म के अनुयायी होने के लिए गालियां देनी चालु कर दी। दरअसल, हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, महालय कैलाश पर्वत से देवी दुर्गा के पृथ्वी पर आगमन का प्रतीक है। उनके पोस्ट पर कट्टरपंथियों ने मूर्ति पूजा की निंदा करते हुए लिटन दास को 'एक सच्चे विश्वास' यानी ​​इस्लाम में परिवर्तित होने के लिए धमकाया भी है। 

इस्लामवादी एन फिरदौस ज़मान ने कमेंट में लिखा कि, 'इस्लाम के अलावा किसी भी धर्म का पृथ्वी पर कोई मूल्य नहीं है।' वहीं, एक अन्य कट्टरपंथी ने लिखा कि, ‘आप लोगों को समझना चाहिए कि मिट्टी से बनी ये मूर्तियां कोई काम नहीं करेंगी। क्योंकि ये मूर्तियाँ अर्थहीन हैं। इसलिए तुम्हें अपने रचयिता अल्लाह पर ईमान लाना चाहिए।' एक अन्य यूज़र ने लिखा कि, 'ये पत्थर की मूर्तियां किसी के लिए पवित्र नहीं हो सकतीं। कोई भी व्यक्ति पत्थर में खुदी हुई मूर्ति की पूजा नहीं करेगा। मैं इस्लाम की तह में आपका स्वागत करता हूं। सही रास्ते पर आओ।'

 

बांग्लादेश में इस्लामी कट्टरपंथ :-

बता दें कि, भारत से अलग होकर इस्लामी मुल्क बने बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों, खास तौर पर हिंदू समुदाय के प्रति घृणा कोई नई बात नहीं है। इससे पहले, बांग्लादेश के मदरसे में पढ़ने वाले एक लड़के का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें उसने  क्रिकेटर सौम्या सरकार से मिलने के लिए केवल इसलिए मना कर दिया था, क्योंकि सरकार हिन्दू हैं। बता दें कि इससे पहले भी बांग्लादेश में कंट्टरपंथियों द्वारा कई बार हिंदू समुदाय को निशाना बनाया जाता रहा है और उनके मंदिरों पर हमले होते रहे हैं। मगर, अभी तक बांग्लादेश की शेख हसीना सरकार ना इसे रोक पा रही है और ना ही कठोर कदम उठा पा रही है। इस तरह की घटनाओं को देखने के बाद यह सवाल उठता है कि, भारत में करोड़ों मुस्लिम रहते हैं, सभी अपने धर्म को पूरी आज़ादी एक साथ मानते हैं, कोई भारतीय हिन्दू उन्हें यह कहने नहीं जाता कि तुम्हारा मजहब झूठा है, हिन्दू बन जाओ, लेकिन मुस्लिम मुल्कों में रहने वाले हिन्दुओं को वो आज़ादी क्यों नहीं मिलती ? क्या मुस्लिम मुल्कों में हिन्दू होना ही गुनाह है ?

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