निवेशकों को दस की बजाय पचास करोड़ पर मिलेगी रियायतें
निवेशकों को दस की बजाय पचास करोड़ पर मिलेगी रियायतें
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भोपाल/ब्यूरो। मध्यप्रदेश में निवेश के इच्छुक छोटे निवेशकों को सरकार ने करारा झटका दिया है। पहले प्रदेश में उद्योगो की स्थापना के लिए आगे आने वाले निवेशकों को दस करोड़ रुपए का निवेश करने पर रियायती जमीन मिल जाती थी अब पचास करोड़ रुपए से अधिक के निवेश पर ही रियायती जमीन मिल पाएगी। यही नहीं पांच साल के भीतर जमीन का पूर्ण उपयोग नहीं करने पर सरकार आबंटन निरस्त भी कर सकेगी।

राज्य सरकार ने  इसके लिए मध्यप्रदेश राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियमों में संशोधन कर दिया है। अभी तक प्रदेश में उद्योगों के लिए अविकसित भूमि आबंटन  हेतु प्रब्याजी की गणना के लिए भूमि के मूल्य में पचास प्रतिशत की छूट दी जाती है। इसमें दस करोड़ रुपए तक संयंत्र और मशनरी पर पूंजी निवेश करने पर दस हेक्टयर तक जमीन पर छूट मिलती थी। अब रियायती दरों पर सरकार से जमीन लेने के लिए निवेशक को न्यूनतम पचास करोड़ रुपए का निवेश करना पड़ेगा। सौ से पांच सौ करोड़ निवेश पर बीस हेक्टयर और पांच सौ करोड़ से अधिक निवेश पर चालीस हेक्टेयर तक की जमीन रियायती दर पर मिलेगी। अविकसित भूमि पर औद्योगिक पार्क की स्थापना के लिए डेवलपर, वृहद औद्योगिक इकाई द्वारा एमपीआयडीसी में दिए जाने वाले आवेदन शुल्क की  राशि दस हजार थी अब इसे बढ़ा दिया गया है। दो हेक्टेयर भूमि तक आवेदन शुल्क बीस हजार रुपए, दो से पांच हेक्टेयर जमीन पर पचास हजार, पांच से दस हेक्टेयर पर एक लाख, दस से बीस हेक्टेयर पर दो लाख, बीस हेक्टेयर से अधिक पर पांच लाख रुपए और साथ में जीएसटी भी देना होगा।

अविकसित भूमि की स्वीकृति जारी होेंने के बाद सात दिन में मांग पत्र जारी होगा और प्रचलित प्रब्याजि की 25 प्रतिशत राशि अधिकतम तीस दिन में जमा करना  होगा। राशि जमा नहीं करने पर इकाई के पक्ष में जारी भूमि आबंटन निरस्त कर दिया जाएगा।

जमीन का पूर्ण उपयोग नहीं करने पर आबंटन निरस्त होगा -आबंटित जमीन का पांच वर्ष के अंदर  पूर्ण उपयोग करना जरुरी होगा। जमीन का पूर्ण उपयोग नहीं किए जाने पर दस प्रतिशत प्रब्याजि लेकर एक साल तक पट्टा बढ़ाया जा सकेगा। इसके बाद भी पूर्ण उपयोग नहीं करने पर शेष जमीन समर्पित करना होगा। ऐसा न करने पर आबंटन पट्टा निरस्त कर दिया जाएगा। ऐसे मामलों में जमीन अन्य इकाई को देना संभव नहीं है तो भूमि के पूर्ण उपयोग किये जाने तक अनुपयोगी जमीन पर प्रचलित भू-भाटक का सात गुना भू-भाटक प्रति वर्ष वसूला जाएगा।

आबंटी इकाई को भूमि आबंटन के समय प्रस्तुत परियोजना की कम से कम पच्चीस प्रतिशत स्थाई पूंजी का निवेश  (जमीन की कीमत छोड़कर)अथवा पचास करोड़ का स्थायी निवेश करना होगा तब ही भूमि हस्तांतरण की पात्रता होगी। हस्तांतरण पर विकास शुल्क का दस प्रतिशत राशि भी देना होगा।

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