Bharat Bond ETF Vs FD: सुरक्षा, रिटर्न और टैक्स छूट के अनुसार कहा करें निवेश
Bharat Bond ETF Vs FD: सुरक्षा, रिटर्न और टैक्स छूट के अनुसार कहा करें निवेश
Share:

भारत बॉन्ड ईटीएफ की लॉन्चिंग से भारतीय निवेशकों को एक और फिक्स्ड इनकम इन्वेस्टमेंट ऑप्शन मिल गया है। यह भारत का पहला एक्सचेंज ट्रेडेट फंड है। दूसरे डेट म्युचुअल फंड्स की तुलना में यह काफी सुरक्षित फंड है। यह फंड तीन वर्ष और दस साल की मैच्योरिटी में उपलब्ध है। अच्छा रिटर्न और अधिक सुरक्षित होने के चलते एफडी के निवेशक अब भारत बॉन्ड ईटीएफ (Bharat Bond ETF) में निवेश करने के बारे में सोच सकते हैं। चलिए जानते है कि भारत बॉन्ड ईटीएफ एफडी (FD) की तुलना में कितना बेहतर है।

निवेश की अवधि
फिक्स्ड डिपॉजिट (fixed deposit) यानी एफडी में ग्राहक सात दिन से 10 साल तक की अवधि का चयन कर सकता है। इसमें प्री मैच्योर विड्रॉल करने पर बैंक पेनल्टी लेते हैं। वहीं, भारत बॉन्ड ईटीएफ दो फिक्स्ड मैच्योरिटीज के साथ आता है। ये हैं- तीन साल और 10 साल। इसमें कोई भी सेकंडरी मार्केट में यूनिट्स बेच कर बीच में ही बाहर निकल सकता है। हालांकि, सेंकंडरी मार्केट ट्रेड स्क्रिप में लिक्विडिटी पर निर्भर कर सकता है । 

सुरक्षा
सुरक्षा की बात की जाए , तो एफडी और भारत बॉन्ड ईटीएफ दोनों में ही मूल पूंजी की सुरक्षा की गारंटी नहीं है। एफडी के मामले में यहां प्रति बैंक ब्रांच केवल एक लाख रुपये की मूल पूंजी की गारंटी है, जो कि डिपॉजिट इंश्योरेंस और क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) के तहत है। वहीं, यहां एक विश्वास भी है कि सरकार कभी भी जमाकर्ताओं का पैसा डूबने नहीं देगी। उधर भारत बॉन्ड इटीएफ में सुरक्षा एफडी की तुलना में ज्यादा है। यहां सरकारी कंपनियों द्वारा जारी किये जाने वाले बॉन्ड में ही निवेश होता है। वहीं, शुरुआत में भारत बॉन्ड ईटीएफ सिर्फ AAA रेटिंग वाले बॉन्ड में ही इन्वेस्ट करेगा। इससे डिफॉल्ट हो जाने का जोखिम बहुत कम है।

रिटर्न
कुछ को-ऑपरेटिव बैंकों और स्मॉल फाइनेंस बैंकों के अलावा भारत के अधिकांश मुख्यधारा के कमर्शियल बैंक एक से 10 साल तक की अवधि के लिए फिक्स डिपॉजिट पर 6 से 7 फीसद के बीच ब्याज देते हैं। एफडी में रिटर्न इन्वेस्टमेंट की पूरी अवधि में एक समान होता है। वहीं, भारत बॉन्ड इटीएफ में निवेशक 3 साल की मैच्योरिटी पर 6.70 फीसद और 10 साल की मैच्योरिटी पर 7.6 फीसद रिटर्न मिलने की उम्मीद कर सकते है।

टैक्स छूट
बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट की ब्याज आय कर योग्य आय होती है और इस पर निवेशक के टैक्स स्लेब के मुताबिक ही टैक्स लगता है। कोई निवेशक अगर उच्चतम टैक्स स्लेब में है, तो वह एफडी के ब्याज पर 31.2 फीसद टैक्स देगा। वहीं, तीन साल से अधिक समय तक होल्ड रखने की स्थिति में डेट फंड्स टैक्स बचाने के लिहाज से काफी अच्छे होते हैं। तीन साल से अधिक समय तक होल्ड रखने की स्थिति में इन पर टैक्स रेट इंफ्लेशन इंडेक्सिंग के साथ 20 फीसद होती है।

अंतर्राष्ट्रीय मांग के चलते सोने के दाम में आया उछाल, चांदी में भी आई चमक

पीपीएफ नियमों में मोदी सरकार ने किया बड़ा परिवर्तन, आपको मिलेंगे यह फायदे

Karvy Fraud जैसे मामलों से बचाब के कदम, निवेशकों के हितों की सुरक्षाः SEBI

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -