बाघ की अनूठी फोटो लेने के लिए रणथंभौर में ट्रैप कैमरे लगाए गए है. इन ट्रैप कैमरे में शिकारियों की फोटो आने से वन विभाग में हड़कंप मच गया है. फोटो रणथंभौर की फलौदी रेंज का है इसमें तीन शिकारी बंदूक के साथ एक हिरन को मारकर ले जाते दिख रहे हैं. वन विभाग ने इस मामले में 5 स्थानीय लोगों की पहचान कर ली है. मामला और गंभीर तब हो गया जब शिकारियों को गिरफ्तार करने गई वन विभाग और पुलिस की टीम पर गांव वालों ने गोलाबारी की इसमें 6 वनकर्मी घायल हुए हैं.हिरन संरक्षित वनजीव है और इसे मारना संज्ञेय अपराध है.
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मामले का संज्ञान लेकर केंद्रीय पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने भी इस मामले में जांच रिपोर्ट भी तलब की है. इस फोटो के सामने आने के बाद मंत्रालय राजस्थान के इस टाइगर रिजर्व पार्क को लेकर और संजीदा हो गया है. क्योंकि यहां से पिछले 9 सालों में 26 बाघों की गुमशुदगी हुई है.ऐसे में बाघों के लापता होने के पीछे किसी अवैध शिकार की आशंका को देखते हुए पिछले एक सप्ताह से जब से यह मामला सामने आया है. जांच के आदेश के बावजूद राजस्थान से लेकर दिल्ली तक जवाबदेही तय करने को लेकर जंग छिड़ी हुई है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि पकड़े गए शिकारियों से अब तक गुम हुए बाघों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है. मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि लापता बाघों के साथ अनहोनी की आशंका के चलते मंत्रालय ने पहले से सेंचुरी की सुरक्षा को और चाक-चौबंद करने के लिए कहा था.अब इस घटनाक्रम के बाद जांच रिपोर्ट के बाद कुछ और कड़े कदम उठाए जा सकते हैं.क्योंकि बावजूद तमाम कवायदों के जिस तरह से शिकार सहित शिकारी ट्रैप हुए हैं वह सेंचुरी के पूरे प्रशासनिक अमले और व्यवस्था पर सवालिया निशान है. इसलिए रणथंभौर प्रशासन से जवाबदेही भी तय करने के लिए कहा गया है.
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