नई दिल्ली : यूएस कमीशन फॉर इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम (यूएससीआईआरएफ) ने अपनी सालाना रिपोर्ट जारी की है। जिसके अऩुसार, साल 2015 में भारत में सहिष्णुता को चोट पहुंची और धार्मिक स्वतंत्रताओं वाली घटनाओं में इजाफा हुआ है। रिपोर्ट में बताया गया है कि धार्मिक नेताओं व अधिकारियों ने समुदाय के बारे में अपमानजनक टिप्पणियां की।
इसके लिए भारत सरकार ने उन्हें फटकार भी लगाई। कमीशन का कहना है कि वो साल 2016 में होने वाली घटनाओं पर भी नजर रखेगा। यूएससीआईआरएफ ने अमेरिका की सरकार को सलाह दी है कि वो भारत के साथ धार्मिक स्वतंत्रता और नीतियों के मुद्दे पर बात करे। यह रिपोर्ट पीएम मोदी के वॉशिंगटन दौरे के एक माह पहले आई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2015 में अल्पसंख्यक समुदायों, खास तौर पर ईसाइयों, मुसलमानों और सिखों को भय, उत्पीड़न और हिंसा का शिकार होना पड़ा। उनके उत्पीड़न के पीछे बड़े तौर पर हिंदू राष्ट्रवादी संगठनों का हाथ था। पुलिस के पक्षपात और न्यायिक खामियों की वजह से अल्पसंख्यक समुदाय खुद को असुरक्षित महसूस करने लगा है।
इससे पहले भारत सरकार ने कमीशन को भारत आने का वीजा नहीं दिया। यूपीए सरकार ने भी इस कमीशन को वीजा देने से इंकार किया था, लेकिन इन दिनों धर्मशाला में चल रहे कांफ्रेंस में यूएससीआईआरएफ की कमिश्नर कटरीना लैंटॉस भी आई हुई है। यूएससीआईआरएफ यूएस फेडरल गवर्नमेंट का द्विदलीय और स्वतंत्र निकाय है।