मदरसों में इंटर धर्म का ज्ञान पढ़ाया जाना चाहिए: मौलाना कासमी
मदरसों में इंटर धर्म का ज्ञान पढ़ाया जाना चाहिए: मौलाना कासमी
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नई दिल्ली: सूत्रों के मुताबिक अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में धर्मशास्त्र विभाग के डीन मौलाना सऊद आलम कासमी का मानना है कि मदरसों में दूसरे धर्मों को पढ़ाने के लिए कदम उठाने की जरूरत है।

उनका मानना है कि यह आपसी सहिष्णुता और स्नेह के विकास के लिए महत्वपूर्ण है । सांप्रदायिक एकता और शांति के लिए खतरे का एक कारण हमारी परंपराओं का खराब होना भी है। गंगा-जमुनी तहजीब को संरक्षित किया जाना जरूरी है। कासमी ने यह टिप्पणी दिल्ली में खुसरो फाउंडेशन के एक कार्यक्रम के दौरान की। इस मौके पर उन्होंने जफर दरक कासमी की किताब 'इंडियाज लीगल स्टेटस' का विमोचन भी किया। खुसरो फाउंडेशन किताब का प्रकाशक है।

मौलाना कासमी के मुताबिक समय की मांग है कि समाज की खामियों और कमजोरियों को जल्द से जल्द दूर किया जाए ताकि उनसे कोई बुराई उत्पन न हो । उन्होंने कहा कि देशभक्ति गीत गाना आज की दुनिया में एकता का प्रतीक है ,और हमें समझना चाहिए कि नफरत हमें एक दूसरे से दूर करती है  । उन्होंने आगे कहा कि भारतीय उपमहाद्वीप की महिमा और विशिष्टता के बारे में गीत पूरे इतिहास में गाए गए हैं, अरब से फारस तक । सर्वे के मुताबिक धर्म से लेकर साहित्य तक हर चीज में भारत का जिक्र किया गया है।

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