मंदिर के निर्माण एवं रिपेयरिंग के कार्य श्रावण मास के पूर्व करवाने के निर्देश
मंदिर के निर्माण एवं रिपेयरिंग के कार्य श्रावण मास के पूर्व करवाने के निर्देश
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उज्जैन । श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक एवं संयुक्त कलेक्टर श्री एस.एस. रावत ने प्रशासक कार्यालय में बैठक आयोजित कर संबंधितों को निर्देश दिये कि, मंदिर के छोटे-मोटे निर्माण एवं रिपेयरिंग के कार्य श्रावण मास के पूर्व पूर्ण करा लिए जायें। श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए तथा श्रद्धालु इधर-उधर भटकें नहीं इसके लिए जानकारी के दिशा सूचक बोर्ड विभिन्न प्रमुख स्थलों पर लगवाये जायें। प्रशासक ने इसके लिए संबंधित को कमेटी गठित करने के निर्देश दिये। बैठक में निर्देश दिये कि मंदिर के लिए बैसिक कामों के लिए दानदाता का इंतराज न करते हुए मंदिर प्रबंध समिति की ओर से कार्य पूरे कर लिए जायें। 

प्रशासक श्री रावत ने बैठक में निश्चित समयावधि में भारत विकास गु्रप फेसेलिटी मेनेजमेंट एजेन्सी तथा ईगल सिक्योरिटी सुरक्षा एजेन्सी पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं करने पर नाराजगी प्रकट करते हुए संबंधित एजेन्सी के पदाधिकारियों को पुनः चेतावनी देते हुए पालन प्रतिवेदन शीघ्र प्रस्तुत किया जाये। सुरक्षा गार्डो एव ंबी.व्ही.जी. के कर्मचारियों की थंब मशीन से उपस्थिति शिफ्टवार न उपलब्ध कराने पर नाराजगी प्रकट करते हुए निविदा शर्तों का पालन करते हुए देयक का भुगतान काटा जावे। उन्होंने दोनों प्रायवेट कंपनी के पदाधिकारियेां को निर्देश दिये कि वह निविदा की शर्तों का पूरी तरह पालन सुनिश्चित किया जाये अन्यथा निविदा के प्रमुख को नोटिस जारी किया जाये। बैठक में सहायक प्रशासक श्री सतीश व्यास, सुश्री प्रीति चैहान, सहायक प्रशासनिक अधिकारी द्वय श्री दिलीप गरूड़ आदि अधिकारी उपस्थित थे। 

रूद्रयंत्र की रिपेयरिंग होगी

रावत ने अधिकारियों एवं पंडित एवं पुरोहितों के साथ बैठक लेकर महाकाल मंदिर के गर्भगृह के ऊपर रूद्रयंत्र की रिपेयरिंग पर चर्चा कर संबंधितों को निर्देश दिये कि, श्रावण मास के पहले रिपेयरिंग का कार्य पूरा करा लिया जाये। रिपेयरिंग कार्य के समय श्रद्धालुओं को असुविधा न हो और उन्हें आसानी से दर्शन हो सकें इस बात का विशेष ध्यान रखा जावे। रूद्रयंत्र की पट्टिकाएं जिन कीलों से कसी हुई है वे कहीं-कहीं पर  सड़ चुकी है, जिन्हें बदलना है। प्रशासक ने इस संबंध में संबंधित को निर्देश दिये। पट्टिकाओं को निकालकर उसपर पालिश के उपरांत नये स्थान पर होल कर पुनः चाॅदी आदि की कील से कसा जाये। 

लड्डु निर्माण इकाई के लिए तोल कांटे दान में प्राप्त हुए

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